NEET-UG paper leak controversy: नीट-यूजी पेपर लीक विवाद में केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर कहा कि 5 मई को हुई परीक्षा रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि करीब 24 लाख विद्यार्थी नीट परीक्षा में बैठे थे। एनटीए द्वारा आयोजित यह परीक्षा पेपर लीक की खबरों के बाद विवाद में आ गई थी।
26 याचिकाओं पर कोर्ट करेगा सुनवाई : दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट में इस परीक्षा को लेकर 26 याचिकाएं दायर की गई हैं और इनमें दोबारा परीक्षा कराने कराने की मांग की गई है। एनटीए सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी का आयोजन करती है। इस साल 5 मई को 4,750 केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 24 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे।
याचिका में कहा गया है कि माननीय अदालत को प्रतिवादियों (केंद्र और एनटीए) को नीट-यूजी दोबारा आयोजित नहीं करने का निर्देश देना चाहिए ... क्योंकि यह न केवल ईमानदार और मेहनती छात्रों के लिए नुकसानदायक होगा, बल्कि शिक्षा के अधिकार का और संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन होगा। (एजेंसी/वेबदुनिया)