कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि कानून एवं कार्मिक संबंधी स्थाई समिति ने भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढ़ा के सुझाव का उल्लेख किया था कि सभी न्यायाधीशों को एक ही समय में छुट्टी पर जाने के बजाय न्यायाधीशों को अलग-अलग समय पर अपनी छुट्टी लेनी चाहिए, ताकि अदालतें लगातार खुली रहें और वे हमेशा मामलों की सुनवाई के लिए मौजूद रहें।
समिति की राय थी कि अदालतों में छुट्टियों को लेकर न्यायमूर्ति लोढ़ा के सुझाव पर न्यायपालिका द्वारा विचार किया जाना चाहिए। मेघवाल ने सदन को बताया, इसके अनुसार सरकार ने उपरोक्त विषय के संबंध में राज्यसभा डीआरपीएससी (विभाग-संबंधित स्थाई समिति) की सिफारिश उच्चतम न्यायालय के महासचिव और संबंधित उच्च न्यायालयों के सभी रजिस्ट्रार जनरल को उचित विमर्श के लिए भेज दिया है।
फरवरी में संसद में पेश की गई अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में संबंधित समिति ने सरकार से उच्चतम न्यायालय और 25 उच्च न्यायालयों पर दबाव बनाने के लिए कहा था कि वे इस सिफारिश पर जल्द से जल्द अपनी प्रतिक्रिया साझा करें कि न्यायाधीश लंबित मामलों की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए चरणबद्ध अवकाश पर जा सकते हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour