'सेंट्रल विस्टा' परियोजना को मिली सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी

सोमवार, 7 दिसंबर 2020 (12:57 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सरकार की ‘'सेंट्रल विस्टा परियोजना' का विरोध करने वाली लंबित याचिकाओं पर कोई फैसला आने तक निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम ना करने का आश्वासन मिलने के बाद केन्द्र को इसकी आधारशिला रखने का कार्यक्रम आयोजित करने की सोमवार को मंजूरी दे दी।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति एएम खानविलकर के नेतृत्व वाली एक पीठ को कहा कि केवल आधारशिला रखने का कार्यक्रम किया जाएगा, वहां कोई निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम नहीं होगा।

इस परियोजना की घोषणा पिछले वर्ष सितम्बर में हुई थी, जिसमें एक नए त्रिकोणाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना है। इसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। इसके निर्माण का लक्ष्य अगस्त 2022 तक है, जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा। साझा केन्द्रीय सचिवालय के बनने का अनुमान 2024 तक है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पांच दिसम्बर को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 दिसम्बर को नए संसद भवन की आधारशिला रखेंगे। इसका निर्माण कार्य 2022 तक पूरा होने की संभावना है, जिसमें 971 करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है।

याचिकाएं भूमि उपयोग बदलाव की मंजूरी सहित दी गई अन्य विभिन्न मंजूरियों के खिलाफ दायर की गई हैं। ये सभी अभी शीर्ष अदालत में विचाराधीन हैं।(भाषा)

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