नई दिल्ली। श्रमिक संघों को दो सितंबर की हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में 42 प्रतिशत वृद्धि और दो साल के बोनस की घोषणा की है। हालांकि, श्रमिक संगठन इन उपायों को पूरी तरह अपर्याप्त बताते हुए हड़ताल के अपने फैसले पर अडिग हैं।
मजदूर संगठन सरकार से 18,000 रुपए न्यूनतम मासिक वेतन यानी 692 रुपए दैनिक और 3,000 रपये कम से कम पेंशन की मांग कर रहे हैं। सरकार की ताजा पेशकश से वह टस से मस नहीं हुए और उन्होंने कहा है कि वह दो सितंबर की एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ेंगे।
ट्रेड यूनियनों की दो सितंबर की हड़ताल के आह्वान का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर अन्य सभी प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने समर्थन किया है। हड़ताल का बैंकिंग और बीमा सेवाओं, विद्युत आपूर्ति और कोयला खनन पर असर पड़ सकता है। (भाषा)