नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि समग्र बाल पोर्नोग्राफी के मुद्दे से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और इससे संबद्ध करीब 3,500 वेबसाइटों को पिछले महीने ब्लॉक कर दिया गया है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने पीठ को बताया कि स्कूल बसों में जैमर लगाना संभव नहीं है। पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एम एम शांतनागुदार भी शामिल हैं। उन्होंने पीठ को बताया, 'हम लोग ऐसे कदमों के साथ आ रहे हैं जो ऐसी समग्र स्थिति से निपटेंगे।'
पिंकी ने कहा, 'स्कूल बसों में जैमर संभव नहीं है। ऐसी वेबसाइटों तक पहुंच रोकने के लिए स्कूलों में जैमर लगाया जा सकता है या नहीं, इस संबंध में सरकार ने सीबीएसई को विचार करने के लिए कहा है। सरकार ने अदालत को बताया कि वह बाल पोर्नोग्राफी रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी।