नई दिल्ली। राज्यसभा के 250वें सत्र के प्रारंभ होने पर सोमवार को आसन का नजारा कुछ बदला सा लग रहा था। यह बदलाव आसन की सहायता के लिए मौजूद रहने वाले मार्शलों की एकदम नई वेषभूषा के कारण महसूस हुआ। सोमवार को इन मार्शलों के सिर पर पगड़ी की बजाय नीले रंग की पी-कैप थी। साथ ही उन्होंने नीले रंग की आधुनिक सुरक्षाकर्मियों वाली वर्दी धारण कर रखी थी।
आमतौर पर उच्च सदन की बैठक आसन की मदद करने वाले कलगीदार पगड़ी पहने किसी मार्शल के सदन में आकर यह पुकार लगाने से शुरू होती है कि माननीय सदस्यों, माननीय सभापति जी। किंतु सोमवार को इन मार्शलों के सिर पर पगड़ी की बजाय नीले रंग की पी-कैप थी। साथ ही उन्होंने नीले रंग की आधुनिक सुरक्षाकर्मियों वाली वर्दी धारण कर रखी थी।
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, पिछले कई दशकों से चल रहे इस ड्रेस कोड में बदलाव की मांग मार्शलों ने ही की थी। उल्लेखनीय है कि सभापति सहित अन्य पीठासीन अधिकारियों की सहायता के लिए लगभग आधा दर्जन मार्शल तैनात होते हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि मार्शलों ने उनके ड्रेस कोड में बदलाव कर ऐसा परिधान शामिल करने की मांग की थी जो पहनने में सुगम और आधुनिक लुक वाली हो। इनकी मांग को स्वीकार कर राज्य सचिवालय और सुरक्षा अधिकारियों ने नई ड्रेस को डिजाइन करने के लिए कई दौर बैठकें कर नए परिधान को अंतिम रूप दिया। सूत्रों के अनुसार, मार्शलों ने इस बदलाव पर खुशी जाहिर की है।
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