उन्होंने केंद्रीय बैंक गवर्नर पर स्वामी के हमले के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस मसले पर काँग्रेस तभी प्रतिक्रिया देगी , जब प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री श्री राजन के खिलाफ बोलेंगे। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने विश्व के सर्वश्रेष्ठ अर्थशास्त्रियों में से एक को केंद्रीय बैंक का गवर्नर नियुक्त किया था। हमें राजन पर उस समय भी पूरा विश्वास था और आज भी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कभी ब्याज दर के बारे में डॉ. राजन के रुख को लेकर वित्त मंत्री के रूप में श्री चिदंबरम के मन में कहीं कोई पूर्वधारणा रही थी, उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के केंद्रीय बैंक के वर्तमान गवर्नर सहित सभी गवर्नरों के साथ बेहतर संबंध रहे थे।
उन्होंने कहा कि किसी मसले पर वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर के बीच चल रही वार्ता का यह मतलब नहीं है कि वित्त मंत्री उनकी क्षमताओं पर सवाले खड़े कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था के बारे में प्रत्येक की धारणा अलग-अलग हो सकती है। इस परिप्रेक्ष्य में सरकार का उद्देश्य आर्थिक विकास और केंद्रीय बैंक गवर्नर का मौद्रिक स्थिरता होती है।
रिजर्व बैंक गवर्नर के पद पर राजन का कार्यकाल सितंबर के पहले सप्ताह में समाप्त हो रहा है। उल्लेखनीय है कि स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे दो पत्र में यह कहते हुये कि श्री राजन की मानसिकता भारतीय नहीं है, उन पर देश की संवेदनशील वित्तीय सूचनाओं को दूसरे देशों के साथ साझा करने का अारोप लगाया है। (वार्ता)