INX मीडिया मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। ईडी ने चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है, वहीं सीबीआई भी उन्हें हर हालत में गिरफ्तार करने के लिए कमर कस चुकी है। समाचार लिखे जाने तक चिदंबरम गिरफ्तार नहीं हुए थे। जानिए क्या है पूरा INX मीडिया मामला-
सीबीआई 2006 के एयरसेल-मैक्सिम समझौते में एफआईपीबी मंजूरी देने में अनियमितता की जांच कर रही है। ईडी भी इस संबंध में मनी लांड्रिंग मामले की जांच कर रहा है।
मामले में पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में हवाई जहाज की खरीद और एयरसेल के मामले में अलग-अलग केस हैं।
आरोप है कि 2007 में चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी दिलाई। कंपनी में कथित रूप से 305 करोड़ का विदेशी निवेश आया। अनुमति सिर्फ 5 करोड़ के निवेश की थी।
जांच एजेंसियों ने दावा किया कि खुद को बचाने के लिए INX मीडिया ने कार्ति चिदंबरम के साथ साजिश की और सरकारी अफसरों को प्रभावित करने का प्रयास किया। जांच एजेंसियों के मुताबिक चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने रिश्वत ली थी।
15 मई 2017 को आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर विदेशों से 305 करोड़ रुपए लेने के लिए FIPB की मंजूरी हासिल करने में अनियमितता का आरोप लगाया।
2018 में ईडी ने इस संबंध में मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया। सीबीआई ने पूछताछ के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को समन जारी किया।
30 मई को चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका देकर सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध किया। 23 जुलाई को चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय के मनी लांड्रिंग मामले में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में गुहार लगाई।
25 जुलाई को हाईकोर्ट ने दोनों ही मामलों में गिरफ्तारी से चिदंबरम को अंतरिम राहत दी। 25 जनवरी 2019 को हाईकोर्ट ने दोनों ही मामलों में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।
20 अगस्त को हाईकोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका ठुकरा दी, साथ ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से भी मना कर दिया। बहरहाल चिदंबरम रात में ही घर से गायब हो गए। सीबीआई और ईडी ने उनके घर नोटिस चस्पा कर 2 घंटे में उन्हें पेश होने का निर्देश दिया।
21 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। शाम को चिदंबरम अचानक मीडिया के सामने आए और कहा कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। इसके बाद वह घर पहुंचे जहां हाईवॉल्टेज ड्रामे में सीबीआई और ईडी ने उन पर शिकंजा कसा।