उन्होंने सीएम महबूबा मुफ्ती के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जल्द ही इसका विकल्प हमारे पास होगा, वहीं अब खबर है कि गृह मंत्रालय का एक एक्सपर्ट पैनल पैलेट गन की जगह पावा शेल्स के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है।
घाटी में बीते 49 दिनों से जारी अशांति और हिंसा के दौर में पत्थरबाजी और प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबल पैलेट गन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये छोटे-छोटे धातु के छर्रे होते हैं, जो शरीर में जाकर चुभ जाते हैं। इस ओर विवाद तब गहराया जब पैलेट गन से घायल कई लोगों के आंखों की रोशनी तक खोने की बात सामने आई।