चीनियों को रास आ रहे हैं महादेव

शनिवार, 6 मई 2017 (14:14 IST)
भारत-चीन की मित्रता का ऐसा कोई नहीं प्रभावी साक्ष्य तो दिखाई देता है, लेकिन चीन में ऐसे स्थान भी जिनमें महादेव बिराजे हैं। कैलाश-मानसरोवर तीर्थ ऐसा विश्वप्रसिद्ध शिवधाम है जहां देवों के देव अपनी समूची शक्तियों के साथ लोगों को अनुभव कराते हैं। संहार के इस देवता का जब तांडव होता है, तो वे अपने साथ हजारों, लाखों को ले जाते हैं। भले ही चीनियों को शिवजी के दर्शन की जरूरत नहीं होती है, लेकिन भारतीयों के लिए तो भगवान शिव का ठिकाना कण-कण में है। 
 
एक ओर जहां सीमा निर्धारण को लेकर भारत-चीन के लगातार तनातनी बनी रहती हो और दोनों देशों के नेता अपने दांव पेंच से एक दूसरे को चित्त करने की कोशिशों में हमेशा लगे रहते हों। लेकिन अब चीनियों की माओ त्से तुंग और देंग शियाओ पिंग में दिलचस्पी भले ही कम हो गई है और चीनियों में शंकरजी को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है। एक ओर जहां सीमा को लेकर दोनों देशों के बीच तलवार खिंची हों, चीन के लोग महादेव शंकर के दीवाने हो रहे हैं। 
 
भारत-चीन के बीच राजनीतिक मतभेदों की वजह से कड़वाहट आ गई हो, लेकिन लेकिन चीन में भारत के हिंदी सीरियल बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं। इनमें महाभारत, देवों के देव महादेव और नागिन जैसे भारतीय पौराणिक धारावाहिक खूब पसंद किए जा रहे हैं। चीनी दर्शक यांग बुहई का कहना है कि देवों के देव महादेव' को देखने वालों का एक समूह है। उनका कहना है कि इससे पहले चीन में अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और जापान के कार्यक्रम खासे लोकप्रिय हुए हैं। शिक्षा से जुड़ी 35 साल की किंग किंग कहती हैं कि वह अभिनेताओं को इतना पसंद करती हैं कि वह हिंदी भाषा में ही कार्यक्रमों को देखती हैं।

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