व्हाट्सएप, फेसबुक के जरिए ISIS कर रहा था भारत में धमाकों की साजिश...

शनिवार, 23 जनवरी 2016 (12:41 IST)
भारत में इस्लामिक स्टेट के तबाही मचाने के प्लान को भारतीय और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के तालमेल से विफल कर दिया गया है। सूचना मिलने पर देश में विभिन्न जगहों से शुक्रवार को एक साथ आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के करीब 20 संदिग्ध गिरफ्तार किए गए। गृह मंत्रालय में उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों ने बताया कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को यह सफलता अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की मदद से मिली है।
 
 

CIA ने इनके बीच की बातचीत और वाट्सएप व फेसबुक पर शेयर किए जा रहे मेसेज को इंटरसेप्ट कर लिया। वे कोड वर्ड में बात कर रहे थे। '7 कलश रख दो'  दरअसल, सात जगहों पर ब्लास्ट करने का कोड था।


दरअसल अमेरिकी खुफिया एजेंसी लगातार पश्चिम एशिया में आईएस की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कंप्यूटर के आईपी एड्रेस और स्मार्ट फोन नजर बनाए है। इसके जरिये आतंकी फेसबुक पर एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं। इनमें से एक आईपी अड्रेस का इस्तेमाल आईएस का कमांडर शाफी अरमार भी कर रहा था।
 
पिछले हफ्ते सीआईए की ओर से मिली जानकारी के बाद ही आईएस सेल को ध्वस्त करने में सफलता मिली है। शाफी का छद्म नाम यूसुफ अल हिंदी है। वो इस आईपी अड्रेस का इस्तेमाल भारत में अखलाक उर रहमान सहित कई अन्‍य आतंकियों से बात करने के लिए कर रहा था।
 
सीआईए इनके बीच की बातचीत और वाट्सएप व फेसबुक पर शेयर किए जा रहे मेसेज को इंटरसेप्ट कर लिया।इसके बाद अखलाख सहित तीन आतंकियों को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया। वे कोड वर्ड में बात कर रहे थे।
 
इस दौरान उन्‍होंने '7 कलश रख दो' को डिकोड करते हुए भारतीय एजेंसियों को चौकन्ना किया। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को इस बारे में ब्रीफ किया गया। दरअसल, ये सात जगहों पर ब्लास्ट करने का कोड था।

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