शीर्ष अदालत ने सड़क परिवहन मंत्रालय के सुझाव को स्वीकार करते हुए इसे एक अक्टूबर से लागू करने के लिए हरी झंडी दे दी है। वाहन पर लगे स्टीकर से पता चल सकेगा कि वाहन किस तरह के ईंधन का इस्तेमाल किया जा रहा है। वाहन पेट्रोल से चल रहा है या फिर डीजल, इलेक्ट्रिक या फिर बीएस6 है।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने कोर्ट को बताया कि हलके नीले रंग के होलोग्राम आधारित स्टिकर पेट्रोल एवं सीएनजी से चलने वाली कारों में लगाए जाएंगे, जबकि नारंगी रंग के होलोग्राम आधारित स्टिकर डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे।
न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और दीपक गुप्ता की खंडपीठ को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एएनएस नाडकर्णी ने अवगत कराया था कि स्टिकर पर मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे इंडिया (एमओआरटीएच) सहमत हो गया है। नाडकर्णी ने खंडपीठ को बताया और कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक हलफनामा दायर किया है। यह मुद्दा अदालत में वायु प्रदूषण की सुनवाई के दौरान उठा था।