सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कहते हैं कि वे बहस के लिए तैयार हैं। अगर यह बात थी तो फिर अध्यादेश क्यों लाया गया। गडकरी बहस की बात ऐसे करते हैं जैसे वे चुनौती पेश कर रहे हैं। मैं और जयराम रमेश दोनों बहस के लिए तैयार हैं। वे जहां चाहें वहां बहस हो सकती है।