Congress hits back at S Jaishankar in Katchatheevu Island case : विपक्ष के कई नेताओं ने वर्ष 2015 में सूचना के अधिकार कानून (RTI) के तहत दिए गए आवेदन के जवाब का हवाला देते हुए सोमवार को कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि इस द्वीप के मामले में मोदी सरकार ने अपने रुख में बदलाव किया है।
आरटीआई के इस जवाब में कहा गया था कि 1974 और 1976 के समझौतों में भारत से संबंधित क्षेत्र का अधिग्रहण या उसे छोड़ना शामिल नहीं था। विपक्ष की प्रतिक्रिया विदेश मंत्री एस जयशंकर के सोमवार के उस दावे के बाद आई है कि कांग्रेस से संबंध रखने वाले प्रधानमंत्रियों ने कच्चातिवु द्वीप के बारे में उदासीनता दिखाई और इसके विपरीत कानूनी विचारों के बावजूद भारतीय मछुआरों के अधिकारों को छोड़ दिया।
पी. चिदंबरम ने इस मुद्दे पर सरकार पर साधा निशाना : जयशंकर ने यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देने के एक दिन बाद की, जिसमें कहा गया था कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कांग्रेस ने कच्चातीवू द्वीप श्रीलंका को दे दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, जैसे को तैसा पुरानी बात है। ट्वीट के बदले ट्वीट नया हथियार है। क्या विदेश मंत्री जयशंकर कृपया 27-1-2015 के आरटीआई जवाब का संज्ञान लेंगे...उस उत्तर में उन परिस्थितियों को उचित ठहराया गया जिसके तहत भारत ने स्वीकार किया कि एक छोटा द्वीप श्रीलंका का है।
चिदंबरम ने सवाल किया कि विदेश मंत्री और उनका मंत्रालय अब कलाबाज़ी क्यों खा रहे हैं? चिदंबरम ने कहा, लोग कितनी जल्दी रंग बदल सकते हैं। एक सौम्य उदार विदेश सेवा अधिकारी से लेकर एक चतुर विदेश सचिव और आरएसएस-भाजपा के मुखपत्र तक, जयशंकर का जीवन और समय कलाबाजी के इतिहास में दर्ज किया जाएगा।
पूर्व गृहमंत्री ने कहा, यह सच है कि पिछले 50 वर्ष में मछुआरों को हिरासत में लिया गया है। इसी तरह, भारत ने कई श्रीलंकाई मछुआरों को हिरासत में लिया है। हर सरकार ने श्रीलंका के साथ बातचीत की है और हमारे मछुआरों को मुक्त कराया है।
तब क्या मछुआरों को श्रीलंका ने हिरासत में नहीं लिया था? : उन्होंने यह सवाल भी किया कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और भाजपा सत्ता में थी और तमिलनाडु के विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन में थी, तब क्या मछुआरों को श्रीलंका ने हिरासत में नहीं लिया था? चिदंबरम ने कहा, मोदी जी 2014 से सत्ता में हैं तो क्या इस दौरान मछुआरों को श्रीलंका ने हिरासत में नहीं लिया?
Wish every citizen of this country can access information through RTI within four working days.
RTI application seeking information on Katchatheevu agreement was filed by T.N. BJP President Annamalai on March 5, 2024 and information including documents provided on March 12,…
शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने 2015 में विदेश मंत्रालय से आरटीआई आवेदन का जवाब एक्स पर साझा किया। इस जवाब में कहा गया था कि कच्चातिवु द्वीप भारत-श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के श्रीलंका की तरफ स्थित है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने 27 जनवरी, 2015 के आरटीआई जवाब को टैग करते हुए कहा, शायद विदेश मंत्रालय 2024 की तुलना में 2015 में अपने आरटीआई जवाब में इस विसंगतियों को दूर करने में सक्षम होगा। उनका कहना है, 2015 में आरटीआई जवाब के अनुसार जब वर्तमान विदेश मंत्री विदेश सचिव के रूप में कार्यरत थे।
पाखंड या झूठ बोलने की कोई सीमा नहीं : कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस आरटीआई जवाब का हवाला देते हुए कहा, यह दिखाता है कि विदेश सचिव ने विदेश मंत्री बनते ही कितनी जल्दी अपना रंग बदल लिया। रमेश ने आरोप लगाया, जहां तक मोदी सरकार की बात है तो पाखंड या झूठ बोलने की कोई सीमा नहीं है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour