कानपुर ट्रेन हादसे पर देश को गुमराह कर रहे प्रधानमंत्री मोदी : कांग्रेस
बुधवार, 1 मार्च 2017 (23:48 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वे कानपुर ट्रेन हादसे को 'आतंकवादी वारदात' करार देकर देश को गुमराह कर रहे हैं। पार्टी ने मोदी से माफी मांगने को भी कहा।
कांग्रेस नेता मनप्रीत सिंह बादल ने प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं से कहा कि वे लोगों से झूठ बोलना बंद करें। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि वे ट्रेन हादसे पर प्रधानमंत्री के बयान को गंभीरता से ले, क्योंकि यह एक चुनावी अपराध है।
बादल ने कहा, आश्चर्यजनक तौर पर इसने उत्तर प्रदेश चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की ओर से खेले जा रहे खतरनाक खेल का पर्दाफाश कर दिया है। क्या ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर देश का प्रधानमंत्री शरारतपूर्ण तरीके से देश को ठग सकता है और सार्वजनिक भाषण में कहानियां बुन सकता है?
उन्होंने कहा, यह जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 123 (4) के तहत एक चुनावी अपराध है। यदि प्रधानमंत्री वोट बटोरने के लिए डर के मनोविज्ञान के आधार पर आतंकवाद पर ‘गलत’ कहानियां सुनाते हैं, तो यह मोदीजी के शब्दों की विश्वसनीयता एवं विश्वास को कम करता है।
पिछले सप्ताह मोदी ने उत्तर प्रदेश में एक चुनावी रैली के दौरान 20 नवंबर 2016 को कानपुर में हुए ट्रेन हादसे को आतंकी घटना करार दिया था। हादसे में 154 लोगों की जान गई थी। इस बीच, कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में एक बाल तस्करी मामले में शामिल होने के आरोप में प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की नेता जूही चौधरी की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा पर निशाना साधा और सवाल किया कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं।
बादल ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल में सेक्स रैकेट पर चुप हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में विभाजनकारी बयानबाजी कर रहे हैं। बादल ने कहा कि यह शर्मनाक है कि प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव जूही को बाल तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने दावा किया कि जूही ने अब पुलिस को बताया है कि भाजपा के एक सांसद ने उसे नेपाल भाग जाने की सलाह दी थी।
उन्होंने पूछा, कौन है भाजपा का यह सांसद? बादल ने आरोप लगाया कि जलपाइगुड़ी अनाथालय के मालिक ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि जूही ने भाजपा की राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से मदद मांगी थी, ताकि संस्था के लिए सरकार से सहायता और जरूरी मंजूरी मिल सके। (भाषा)