चीन को आंखें क्यों नहीं दिखाते मोदी, कांग्रेस ने पूछा बड़ा सवाल
गुरुवार, 25 जून 2020 (13:59 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन के साथ पुराने और गहरे संबंध होने के बावजूद चीन हमारी जमीन पर कब्जा करता है तथा लगातार आगाह किए जाने के बाद भी सरकार इस बारे में मौन रहती है तो इस चुप्पी की वजह देश को बताई जानी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुरुवार को कहा कि यह जगजाहिर है कि मोदी के संबंध चीन के साथ बहुत पुराने और बहुत गहरे भी हैं। मोदी के साथ ही भाजपा के भी चीन तथा वहां की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गहरे संबंध रहे हैं। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथसिंह, नितिन गडकरी तथा अमित शाह ने इन संबंधों को और आगे बढ़ाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो चीन सहित कुछ देशों के शीर्ष नेताओं से उनसे गहरे संबंध थे। इन्हीं संबंधों के कारण मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए चार बार चीन की यात्रा पर गए थे। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने 2014 में मोदी की तारीफ करते हुए लिखा था कि चीन मोदी के साथ काम करने में ज्यादा सहज महसूस करता है। यहां तक कि गुजरात विधानसभा चुनाव के समय भी ग्लोबल टाइम्स ने कहा था कि चीनी कंपनियां चाहती हैं कि गुजरात में भाजपा जीते।
चीन के कहने पर निर्णय लेती है सरकार : प्रवक्ता ने कहा कि चीन के कहने पर मोदी सरकार उसके अनुसार निर्णय लेती रही है। कुछ साल पहले चीन के कहने पर ही सरकार ने सीमा पर अपने बंकर हटाए और इस शर्त के पूरा होने के बाद ही चीन पीछे हटा। मतलब की भारतीय सीमा ने जो बंकर अपनी सीमा में बनाए थे, उनसे उन्हें चीन के कहने पर पीछे हटने को कहा गया। उन्होंने कहा कि डोकलाम में 73 दिन का गतिरोध रहा और फिर बातचीत के बाद दोनों सेनाएं पीछे हटी। इसके बावजूद चीन वहां लगातार निर्माण करता रहा, लेकिन मोदी कुछ नहीं बोले।
खेड़ा ने कहा कि गलवान घाटी को लेकर चीन ने कभी कोई बात आज तक नहीं की, लेकिन उसने इस क्षेत्र पर कब्जा किया। इसको लेकर लगातार सरकार को आगाह किया जाता रहा है लेकिन सरकार इस बारे में कभी कुछ नहीं बोली। चीन के साथ मोदी के संबंधों का क्या मतलब है अगर चीन भारतीय सीमा पर अतिक्रमण करता है और हमारी जमीन को कब्जे में लेता है तथा हमारे सैनिक मारे जाते हैं।
विपक्ष से सवाल क्यों : कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सबसे बड़े आश्चर्य की बात यह है कि चीन को उसके कब्जे की कार्रवाई को लेकर कठघरे में खड़ा करने की बजाय मोदी सरकार विपक्ष पर हमला कर रही है और चीन के खिलाफ बोलने वालों से उल्टे सवाल किए जा रहे हैं। यह स्पष्ट है कि लद्दाख क्षेत्र में चीन ने कब्जा किया है और उसके सैनिक सीमा पर जमावड़ा लगाए हैं। इसके साक्ष्य सैटेलाइट तस्वीरों से भी मिल रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि विवादरहित गलवान घाटी सरकार की ढुलमुल कूटनीतियों के कारण विवादों में आई है। ऐसे बेतुके विवाद से सेना के मनोबल पर फर्क पड़ता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ ही पूरा देश सेना के साथ खड़ा है और लगातार उसका मनोबल बढ़ाया जा रहा है। मोदी चीन को आंखें नहीं दिखाते हैं बल्कि विपक्ष को तथा मीडिया को दिखाते हैं, जो गलत है।
खेड़ा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि दुनिया का कोई देश भारत के साथ इस समय खड़ा नहीं है। उनका कहना था कि मोदी बिना एजेंडा के चीन की यात्रा करते हैं। आप विदेश में जाकर व्यक्तिगत छवि के लिए काम करते हैं और इस तरह के प्रयासों का देश के लिए कोई फायदा नहीं होता है। कोई भी देश भारत के साथ खड़ा नहीं है तो फिर मोदी की ‘पर्सनल डिप्लोमेसी’ का क्या हुआ। (वार्ता)