Congress's attack on Modi: कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के मौके पर विपक्ष को लेकर 'अशोभनीय टिप्पणी' की, जबकि उन्होंने 10 साल तक देश का गला घोंटा और आवाज दबाई जिसकी सजा जनता ने हालिया लोकसभा चुनाव में उन्हें दी।
पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने नई दिल्ली में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को 'मोदी सरकार' शब्द के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए और खुद को लोकतांत्रिक साबित करना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को विपक्षी दलों पर अपनी राजनीतिक विफलताओं को ढंकने के लिए संसद का 'दुरुपयोग' करने का आरोप लगाया और सभी राजनीतिक दलों से देश के प्रति समर्पित होकर संसद का उपयोग करने का आह्वान किया।
संसद के मानसून सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पिछले सत्र का उल्लेख किया और कहा, '140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का हुक्म दिया, उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ। 2.30 घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का, उनकी आवाज को रोकने का, उनकी आवाज को दबाने का... लोकतांत्रिक परंपराओं में कोई स्थान नहीं हो सकता है।
खेड़ा ने एक बयान में कहा कि जिस व्यक्ति ने 10 साल तक देश का गला घोंटा और आवाज़ दबाई, वो आज प्रतिपक्ष के आवाज उठाने पर रुदन करता हुआ बेहद कमजोर दिख रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिपक्ष पर अशोभनीय टिप्पणी के साथ आज मानसून सत्र की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री का 2.30 घंटे तक गला घोंटा।
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये याद दिलाना जरूरी है कि पिछले 10 साल के उनके अन्याय काल में पूरे देश का दम घोंटा गया, जिसकी सजा जनता ने उन्हें दी है। प्रधानमंत्री मोदी भूल गए हैं कि वो बहुमत की सरकार के प्रधानमंत्री नहीं, दो दलों के सहयोग से चलने वाली राजग सरकार के एक तिहाई प्रधानमंत्री हैं। उन्हें 'मोदी सरकार' शब्द के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए और खुद को लोकतांत्रिक साबित करना चाहिए।
उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्मरण कराना उचित होगा कि जब प्रधानमंत्री मोदी ये भाषण दे रहे थे, उस वक्त देश के 32 लाख छात्रों की आवाज को दबाने और उनके साथ आपकी सरकार के अन्याय के खिलाफ देश का उच्चतम न्यायालय सुनवाई कर रहा है।
खेड़ा ने कहा कि आप (मोदी) जब अपने अहंकार और झूठ से लबालब भाषण दे रहे थे तो आपको बताना जरूरी होगा कि देश के 15 से अधिक अग्निवीर देश के लिए प्राणों की आहुति का सपना अपने दिल में रख कर आत्महत्या के लिए मजबूर हो चुके है।
उन्होंने दावा किया कि जब प्रधानमंत्री मोदी ये भाषण दे रहे थे, तब देश के 50 करोड़ किसान अपने खेत और अपनी खेती को बचाने के लिए 'के हर दमन, हर अत्याचार को सहते हुए आंदोलन कर रहे हैं, जिनका आपने 2.30 साल से गला घोंट रखा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि आपने सही कहा प्रधानमंत्रीजी, संसद देश के लिए है। वो किसी राजा का दरबार नहीं है। लिहाजा प्रतिपक्ष वहां देश के युवाओं, किसानों, जवानों,मजदूर, महिलाओं, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और गरीबों के दर्द को आवाज़ संसद में उठाने को मजबूर है।
खेड़ा ने दावा किया कि सच्चाई तो यह है कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में 'मोदी बनाम देश' बना दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा संसदीय दायित्व है कि देश की आवाज उठाने के लिए हम आपको बार-बार टोकें, बार-बार रोकें। आपको भी समझना होगा कि देश की तात्कालिक जरूरत और तकलीफ से जुड़े सवालों को हर काम छोड़ कर सुनना जरूरी है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अब गुरूर छोड़ गरिमा अपनाइए मोदीजी, आपने पिछले 10 साल सिर्फ अपनी बात कही है, आपको किसने क्या कहा और हरदम आपकी पीड़ा सुनाने का समय गया। अब देश ने आपको तीसरा मौका अपनी बात सुनाने का दिया है। देश के लिए संसद चलवाइए, सेंगोल वाला राजदरबार मत बनाइए।(भाषा)