नई दिल्ली। प्याज की आसमान छूती कीमतों से देशभर में हाहाकार मचा हुआ है। पिछले 4 महीनों में प्याज के दाम 20 रुपए से 150 रुपए तक पहुंच गए हैं। प्याज की कीमतों को लेकर कांग्रेस ने संसद भवन परिसर में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन में पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम भी शामिल हुए। चिदंबरम ने न्यूज चैनलों से कहा कि जो सरकार लोगों को कम प्याज और लहसुन खाने की सलाह देती है, उसे चले जाना चाहिए। अर्थव्यवस्था के मामले में यह पूरी तरह से फेल हुई है।
वित्तमंत्री ने कहा- मैं प्याज नहीं खाती : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में मजाकिया लहजे में कहा कि प्याज की बढ़ती कीमतों से व्यक्तिगत तौर पर उन पर कोई खास असर नहीं पड़ा है, क्योंकि उनका परिवार प्याज-लहसुन जैसी चीजों को खास पसंद नहीं करता है।
वित्तमंत्री ने कहा था कि 'मैं बहुत ज्यादा प्याज-लहसुन नहीं खाती... इसलिए चिंता न करें। मैं ऐसे परिवार से आती हूं जिसे प्याज की कोई खास परवाह नहीं है'। वित्तमंत्री की इस बात अन्य सांसद हंस पड़े।
वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें इसके भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपाय शामिल हैं।
सीतारमण ने कहा कि प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मूल्य स्थिरता कोष का उपयोग किया जा रहा है। इस संबंध में 57 हजार मीट्रिक टन का बफर स्टॉक बनाया गया है। इसके अलावा मिस्र और तुर्की से भी प्याज आयात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और राजस्थान के अलवर जैसे क्षेत्रों से दूसरे प्रदेशों में प्याज की खेप भेजी जा रही है।