दरअसल, कंपनी ने ब्रुकबांड रेड लेबल का एक विज्ञापन तैयार किया था, जिसमें कुंभ का दृश्य दिखाया गया था। इस विज्ञापन में एक युवक अपने बुजुर्ग का हाथ छुड़ाकर चला जाता है। बुजुर्ग उसे पुकारता रहता है।
इस विज्ञापन को भारतीय संस्कृति पर हमला मानते हुए योग गुरु स्वामी रामदेव ने ट्वीट कर कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी से लेकर हिन्दुस्तान यूनिलीवर तक एक ही एजेंडा है कि हमारे देश को हमेशा आर्थिक और वैचारिक रूप से कमतर बताया जाए। हम क्यों नहीं उनका बहिष्कार कर सकते? इनके लिए भावनाएं बाजार से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं। हमारे लिए भगवान के बाद हमारे माता-पिता (बुजुर्ग) ही हैं। एचयूएल का बहिष्कार करें।
राजीव श्रीनिवास नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि कंपनी और एड एजेंसी के खिलाफ मुकदमा दायर करना चाहिए। प्रशांत कुमार ने लिखा कि यूं तो मैं एचयूएल के ज्यादा प्रोडक्ट उपयोग में नहीं लाता, लेकिन अब जिन्हें उपयोग करता हूं, उनका भी बहिष्कार करूंगा। कई लोगों ने भारतीय कंपनियों के उत्पादों को अपनाने की सलाह दे डाली। इस संबंध में उनका कहना है कि यह पैसा भारत में ही रहेगा।