चीन में फैले कोरोनावायरस से भारत भी चिंतित है। इसके लिए भारत ने पहले से ही इस पर निगाह रखना शुरू कर दिया है। हालांकि भारत में अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन बचाव के लिए इसे समझना बेहद जरुरी है।
इस वायरस के ज्यादातर मामले चीन में ही देखे जा रहे हैं, ऐसे में इस सवाल का जवाब फिलहात नहीं मिल सका है। कोरोनावायरस कई प्रकार के होते हैं। वुहान में फैला वायरस 'नोवेल कोरोनावायरस' है। इसी वजह से इसे ‘वुहान वायरस’ भी कहा जा रहा है। इसके अलावा अल्फा और बेटा कोरोनावायरस भी होते हैं। कोरोनावायरस को साल 2003 के पहले तक कभी गंभीरता से नहीं लिया गया था। जब चमगादड़ों के जरिए फैला वायरस सार्स के रूप में फैल गया था। अब एक रिसर्च में सामने आया है कि इस बार का कोरोनावायरस सांपों के जरिए पनपा हुआ बताया जा रहा है।
क्यों खतरनाक है यह वायरस?
सबसे चिंता वाली बात यह है कि नोवेल कोरोनावायरस या वुहान वायरस के लिए अब तक कोई वैक्सीन मौजूद नहीं है। यही नहीं, डॉक्टरों के पास इसके इलाज का भी कोई तरीका नहीं है। इसी वजह से अलर्ट के तौर पर चीन के शहरों को सील करने का फैसला किया गया है। चूंकि वायरस एक बीमार व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, इस वजह से अभी लोगों की आवाजाही कम करना ही एक उपाय सामने आया है। इससे बीमार हुआ व्यक्ति किसी भी दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है।
इंसान के इस हिस्से को कर रहा निष्क्रिय
उत्तर-वुहान वायरस या नोवेल कोरानावायरस इससे पहले नहीं देखा गया है। इस बार का कोरानावायरस ज्यादा खतरनाक इसलिए भी है, क्योंकि ये सार्स जैसा लग रहा है। ये इंसान के रेस्पिरेटरी सिस्टम पर तेजी से हमला कर उसे निष्क्रिय कर देता है। चीन में यही हो रहा है।
भारत में क्या है स्थिति?
फिलहाल भारत में इस वायरस को लेकर कोई खबर सामने नहीं आई है, कोई मरीज भी अब तक नहीं मिला है, लेकिन चूंकि सामान्य सर्दी जुकाम और बुखार होने पर भी ध्यान रखने की बेहद जरूरत है। घर में और आसपास साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखे जाने की जरूरत है।