यूपी में अब अपराधियों की खैर नहीं, 60 से ज्यादा की सूची तैयार, जब्त होगी संपत्ति

संदीप श्रीवास्तव
असद, अतीक और अशरफ अहमद की मौत के बाद अब यूपी में अपराधियों को जड़ से उखाड़ने की तैयारी कर ली गई है। इस बीच, खबर है कि 61 कुख्यात अपराधियों की सूची तैयार की गई है। अब सिर्फ इस सूची पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहर का इंतजार है। योगी का इशारा मिलते ही इन पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। इस सूची में सभी जातियों और धर्म के लोग हैं। क्योंकि अभी तक सीएम पर आरोप लगते रहे हैं कि वे अपनी जाति वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते। यदि इस दिशा में कार्रवाई होती है तो यूपी में ‍माफिया की कमर पूरी तरह टूट जाएगी।   
 
सूत्रों के मुताबिक स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के अनुसार, यूपी पुलिस ने शराब माफिया, पशु तस्कर, वन माफिया, खनन माफिया, शिक्षा माफिया आदि को चिह्नित किया है। इसमें उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 50 व पुलिस मुख्यालय द्वारा 11 अपराधियों, माफियाओं की सूची बनाई है। इसके माफिया को जड़ से उखाड़ने के साथ ही उनकी संपत्ति को जब्त करने का भी लक्ष्य रखा गया है। बताया जा रहा है कि यह सूची प्रारंभिक है, इसमें और नाम जोड़े जा सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ माफियाओं के नाम जो यूपी सरकार के निशाने पर हैं... 
 
सुधाकर सिंह : उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद का रहने वाला सुधाकर सिंह शराब माफिया है। इस पर एक लाख का इनाम है और यह जेल में बंद है। 
 
गुड्डू सिंह : इसका पूरा नाम संजय प्रताप सिंह उर्फ गुड्‍डू सिंह है। यह प्रतापगढ़ के कुंडा का रहने वाला है। यह भी शराब माफिया है। बीते साल पुलिस ने हथिगवां के झाझा का पुरवा में करीब 12 करोड़ रुपए का शराब बनाने का केमिकल बरामद किया गया था। यह भी इस समय जेल में है। 
 
गब्बर सिंह : देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह जिला पंचायत सदस्य भी है। इस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित है। प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक जनपदों में गब्बर के खिलाफ संगीन धाराओं मे मुकदमे दर्ज हैं। 
 
उधम सिंह : योगी सरकार के पहले कार्यकाल में ही उधम सिंह का नाम टॉप 25 अपराधियों की सूची में शामिल था। इस बार भी उसका नाम माफिया की सूची में है, जो सरकार के निशाने पर हैं। उसका गिरोह मेरठ के अलावा वेस्ट यूपी के जिलों में लूट, डकैती, रंगदारी और सुपारी लेकर हत्या की वारदात करता था। फिलहाल वह उन्नाव जेल में बंद है।
 
योगेश भदौड़ा : मेरठ का कुख्यात अपराधी है योगेश भदौड़ा और उधम सिंह का कट्‍टर विरोधी भी है। यह भदौड़ा गैंग डी 75 का सरगना है। मेरठ के भदौड़ा गांव में रहने वाले योगेश के खिलाफ लूट, हत्या, अपहरण, आर्म्स एक्ट व गैंगस्टर जैसी संगीन धाराओं में 40 केस दर्ज हैं। भदौड़ा सिद्धार्थनगर जेल में बंद है। योगेश भी टॉप 25 अपराधियों की लिस्ट में शामिल था। 
 
बदन सिंह बद्दो : फिलहाल फरार चल रहे बदन सिंह बद्दो का रहन-सहन शाही है। बद्दो के खिलाफ यूपी समेत कई राज्यों में हत्या, वसूली, लूट, डकैती के 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इस पर ढाई लाख का इनाम घोषित है। यह साल 2019 से फरार है। सरकार इसकी संपत्ति पर बुलडोजर भी चलवा चुकी है। 
 
अजित चौधरी अक्कू : मुरादाबाद का माफिया अजित चौधरी उर्फ अक्कू वसूली भाई के नाम से फेमस है। उसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी समेत 14 मुकदमे दर्ज हैं।
 
धर्मेंद्र किरठल : बागपत के कुख्यात अपराधी धर्मेन्द्र किरठल के खिलाफ 49 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें हत्या के 15 से ज्यादा मुकदमे हैं। उसे एसटीएफ ने 2021 में देहरादून से गिरफ्तार किया था।
 
सुनील राठी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े माफियाओं में सुनील राठी का नाम शुमार है। यह फिलहाल मंडोली जेल में बंद है। यूपी में सरकारें आती जाती रहीं लेकिन सुनील राठी के वर्चस्व में कमी नहीं आई। यह जेल से ही अपना साम्राज्य संचालित करता है। योगी सरकार के दौरान ही राठी ने बागपत जेल में कुख्यात मुन्ना बजरंगी की हत्या की थी।
 
अभिषेक सिंह हनी उर्फ जहर : अभिषेक सिंह हनी उर्फ जहर वाराणसी का कुख्यात अपराधी है। वो ID-23 गैंग का सरगना है।  वाराणसी में इसके खिलाफ हत्या, लूट व रंगदारी के दो दर्जन के करीब मुकदमे दर्ज है। 
 
निहाल उर्फ बच्चा पासी : डी-46 गैंग का सरगना और प्रयागराज के धूमनगंज का रहने वाला निहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी पर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। उस पर सबसे पहले आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। 2006 में मुंबई के काला घोड़ा शूटआउट में भी इसका नाम आया था। इसके बाद बच्चा पासी को बच्चा भाई के नाम से जाना जाने लगा। फिलहाल बच्चा पासी फरार है।
 
राजन तिवारी : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के सोहगौरा गांव का रहने वाला राजन तिवारी कभी श्रीप्रकाश शुक्ला का साथी हुआ करता था। योगी के क्षेत्र में रहने वाला राजन यूपी व बिहार में अपराध की दुनिया का बड़ा नाम है। यह दो बार विधायक भी रह चुका हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजन ने लखनऊ में बीजेपी की सदस्यता ली थी, लेकिन विवाद होने पर भाजपा ने इससे पल्ला झाड़ लिया था। 
 
सुधीर कुमार सिंह : बसपा नेता व गोरखपुर जिले में पिपरौली के पूर्व ब्लॉक प्रमुख और सुधीर कुमार सिंह के आपराधिक मामलों की एक लिस्ट लंबी है। गत विधानसभा चुनाव में सहजनवां विधानसभा क्षेत्र से वह बसपा प्रत्याशी था। उस पर हत्या के प्रयास, हत्या समेत 26 मुकदमे दर्ज हैं।
 
विनोद उपाध्याय : गोरखपुर के अपराधी विनोद उपाध्याय के ऊपर रंगदारी, वसूली, हत्या की कोशिश सहित 25 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं। फिलहाल वह फतेहगढ़ जेल में बंद है।
 
रिजवान जहीर : सपा नेता व पूर्व सांसद रिजवान जहीर बलरामपुर का रहने वाला है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार पूर्व सांसद रिजवान जहीर पर 14 मुकदमे दर्ज हैं। इसमें हत्या-बलवा समेत गंभीर आरोप शामिल हैं। 
 
दिलीप मिश्रा : प्रयागराज का दिलीप मिश्रा बसपा व सपा का नेता रहा चुका है। वर्तमान में फतेहगढ़ जेल में बंद है। मिश्रा पर आरोप है कि 12 जुलाई 2010 को प्रयागराज के कोतवाली शहर अंतर्गत बहादुरगंज में नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर स्कूटी में छिपाकर रखे गए रिमोट बम से जानलेवा हमला किया गया था।
 
अनुपम दुबे : बसपा नेता अनुपम दुबे के खिलाफ 41 मुकदमे दर्ज हैं। 1996 में कन्नौज के गुरसहायगंज कोतवाली प्रभारी रामनिवास यादव की ट्रेन में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद अनुपम दुबे चर्चा में आया था।
 
हाजी इकबाल : सहारनपुर का रहने वाला खनन माफिया हाजी इकबाल उर्फ बाला पूर्व एमएलसी है और लखीमपुर खीरी, गोरखपुर और सीतापुर की तीन चीनी मिल खरीदने वाली कंपनी में डायरेक्टर है। उसके खिलाफ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में कंपनी एक्ट व अन्य धाराओं में भी मुकदमे दर्ज हैं। 
 
बच्चू यादव : लखनऊ के कृष्णा नगर थाने के आजाद नगर निवासी बच्चू यादव पहले गांजा बेचा करता था, लेकिन देखते-देखते उस पर रंगदारी व लूट समेत 25 मुकदमे दर्ज हो गए। फिलहाल फरार है। 
 
जुगनू वालिया : गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी का करीबी जुगनू वालिया लखनऊ के आलमबाग थाना अंतर्गत चंदन नगर का निवासी है। उस पर एक दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। फिलहाल जुगनू फरार है।
 
लल्लू यादव : लखनऊ के राजाजीपुरम क्षेत्र का रहने वाला लल्लू यादव फिलहाल जेल में है और अपराध की दुनिया का बड़ा नाम है। लल्लू हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध कब्जा, गैंगस्टर और मारपीट के अलावा गुंडा एक्ट जैसे 12 मुकदमों में नामजद है। 
 
लिस्ट में ये अपराधी भी शामिल : इनके अलावा मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह, खान मुबारक, सलीम, सोहराब, रुस्तम, बबलू श्रीवास्तव, उमेश राय, कुंटू सिंह, सुभाष ठाकुर, संजीव माहेश्वरी जीवा, मुनीर आदि के नाम भी लिस्ट में शामिल हैं। 
 
माफिया से भरी है लखनऊ जेल : लिस्ट में शामिल कई माफिया इस समय यूपी की विभिन्न जेलों में बंद हैं। अकेले लखनऊ की जेल कई बड़े अपराधी बंद हैं। लखनऊ की गोसाईंगंज जेल में बंद माफिया अतीक के बेटे उमर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी संजीव जीवा के अलावा अभिषेक सिंह उर्फ बाबू, एहसान गाजी, बिहार का अपराधी फिरदौस, राजू उर्फ तौहीद, सीएमओ हत्याकांड का आनंद प्रकाश तिवारी, राजेश तोमर, जावेद इकबाल और आसिफ इकबाल जेल में बंद हैं। 
 
कई अपराधियों की निगरानी बढ़ाई : सरकार ने कई अपराधियों धी की निगरानी भी बढ़ाई है। संजीव जीवा के अलावा अभिषेक सिंह उर्फ बाबू, एहसान गाजी, फिरदौस, राजू उर्फ तौहीद, आनंद प्रकाश तिवारी, राजेश तोमर, जावेद इकबाल और आसिफ इकबाल को लिस्टेड किया गया है। इनके अलावा 11 अन्य की भी निगरानी बढ़ाई गई है।

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