cyclone Biparjoy Effect : विकराल रूप ले सकता है 'बिपारजॉय, 7500 लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए, तटीय इलाकों में धारा 144 लागू

Webdunia
मंगलवार, 13 जून 2023 (00:39 IST)
अहमदाबाद/नई दिल्ली। cyclone Biparjoy update : गंभीर चक्रवाती तूफान 'बिपारजॉय' (Biparjoy) के गुजरात में 15 जून को पहुंचने की आशंका के बीच राज्य में बड़ी रणनीति बनाई गई है और प्रशासन ने 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को कहा कि चक्रवात के दौरान गुजरात में 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अंदेशा है।
 
इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि बचाव दल चक्रवात 'बिपारजॉय' के मार्ग में संवेदनशील स्थानों में रहने वाले लोगों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने चक्रवात से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए केंद्र और गुजरात सरकार की तैयारियों की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस चक्रवात का पाकिस्तान पर भी असर पड़ने की आशंका है।
 
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती : गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडे ने अहमदाबाद में कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि इस चक्रवात से कोई जनहानि न हो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की दर्जनों टीमों को चक्रवात से प्रभावित होने वाले जिलों में तैनात किया गया है और लोगों के आवास, भोजन और दवाओं की व्यवस्था की गई है।
 
नौसेना भी अलर्ट पर : इसके अलावा सेना, नौसेना और भारतीय तट रक्षक को द्वारका के पास तट से दूर तेल खनन जहाज 'की सिंगापुर' से 50 कर्मियों को निकालने के लिए तटरक्षक बल (आईसीजी) के साथ तैयार अवस्था में रखा गया है। आईएमडी ने कहा कि बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के गुरुवार को गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ पत्तन के पास तट पर पहुंचने का अनुमान है।
अधिकारियों ने बताया कि कच्छ, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी के तटीय जिलों में समुद्र तट के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और बंदरगाहों पर चेतावनी के संकेत लगा दिए गए हैं।
 
इन क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी : आईएमडी अहमदाबाद केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि चक्रवात के जखाऊ बंदरगाह के पास टकराने का अनुमान है। यह 15 जून को दोपहर के आसपास गुजरात के तट पर पहुंचेगा। इससे पहले 135-145 किमी प्रति घंटा से लेकर 150 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और बहुत भारी बारिश होगी। उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ सहित अन्य क्षेत्रों में 15-16 जून को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है और मछुआरों को 16 जून तक समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है।
गांवों से लोगों को हटाया गया : अधिकारियों के अनुसार लगभग 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और कच्छ-सौराष्ट्र जिलों में तट से 10 किलोमीटर की दूरी तक बसे गांवों के निवासियों को वहां से हटाने का अभियान मंगलवार को शुरू होगा। पोरबंदर के 31 गांवों से करीब 3,000 लोगों को और देवभूमि द्वारका में करीब 1,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
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Cyclone Alert for Saurashtra and Kutch Coast: Orange Message. ESCS BIPARJOY lay at 1730IST today, about 310km SW of Porbandar, 330km SW of Devbhumi Dwarka, 400km SSW of Jakhau Port, 410km SSW of Naliya. To cross near Jakhau Port (Gujarat) by evening of 15th June as VSCS. pic.twitter.com/i2y1rWEhCI

— India Meteorological Department (@Indiametdept) June 12, 2023 >
23000 लोगों को अस्थायी घर : कच्छ के जिलाधिकारी अमित अरोड़ा ने कहा कि करीब 3,000 लोगों, खासकर मछुआरों और एक बंदरगाह पर काम करने वाले मजदूरों को कांडला स्थानांतरित कर दिया गया है। समुद्र के पास कुछ झुग्गियों के निवासियों को भी मांडवी स्थानांतरित कर दिया गया है। तट से 10 किमी के दायरे में स्थित गांवों के करीब 23,000 लोगों को मंगलवार को (अस्थायी) आश्रय घरों में ले जाया जाएगा।
 
कहां- कहां से गुजरेगा : मौसम विभाग ने एक ट्वीट में कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ तट के लिए चक्रवात अलर्ट... सुबह आज 8.30 बजे चक्रवात पोरबंदर से करीब 320 किमी दक्षिण-पश्चिम, देवभूमि द्वारका से 360 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, जखाऊ बंदरगाह से 440 किमी दक्षिण, नलिया से 450 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित था। इसके 15 जून की दोपहर तक जखाऊ बंदरगाह को पार कर जाने का अनुमान है।
 
पीएम मोदी की नजर : प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय करने का निर्देश दिया कि संवेदनशील स्थानों में रहने वाले लोगों को राज्य सरकार द्वारा सुरक्षित रूप से निकाला जाए।
 
बयान के अनुसार मोदी ने बिजली दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाओं के रखरखाव को सुनिश्चित करने और किसी भी तरह की क्षति होने की स्थिति में उन्हें तुरंत बहाल करने का भी निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए और उन्होंने हफ्ते में सातों दिन 24 घंटे चलने वाले नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का आदेश दिया।
 
धारा 144 लागू : अधिकारियों ने बताया कि कच्छ जिले के तटीय इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है और सभी स्कूल एवं कॉलेज 15 जून तक बंद कर दिए गए हैं। इस बीच दक्षिण और उत्तर गुजरात के तटीय जिलों जैसे वलसाड, गिर सोमनाथ, भावनगर और अमरेली के कुछ हिस्सों में सोमवार सुबह हल्की बारिश हुई।
 
अधिकारियों ने कहा कि प्रभावित जिलों में राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ और एसडीआरएफ) के दलों को तैयार रखा गया है और प्रशासन सेना, नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के संपर्क में है। मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात के 14 जून की सुबह तक लगभग उत्तर की ओर बढ़ने का अनुमान है।
 
भारी बारिश की आशंका : केंद्र ने राज्य सरकार को कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी सहित सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय क्षेत्रों से लोगों को निकालने का निर्देश दिया है। आईएमडी ने 15 जून को कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई है।
 
एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि आसन्न चक्रवात के मद्देनजर, एनडीआरएफ ने एहतियात के तौर पर मुंबई में 2 अतिरिक्त दलों को तैनात किया है। उन्होंने कहा कि अरब सागर में चक्रवात के संभावित प्रभावों से निपटने के लिए एनडीआरएफ ने 4 दलों को गुजरात भेजा है।
 
कैसे बनते हैं चक्रवात : साइक्लोन शब्द ग्रीक भाषा के साइक्लोस (Cyclos) से लिया गया है। इसका अर्थ है सांप की कुंडलियां। इसे ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में ट्रॉपिकल साइक्लोन समुद्र में कुंडली मारे सांपों की तरह दिखाई देते हैं।
 
चक्रवात एक गोलाकार तूफान (सर्कुलर स्टॉर्म) होते हैं, जो गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं। जब ये चक्रवात जमीन पर पहुंचते हैं तो अपने साथ भारी बारिश और तेज हवाएं लेकर आते हैं। ये हवाएं उनके रास्ते में आने वाले पेड़ों, गाड़ियों और कई बार तो घरों को भी तबाह कर सकती हैं। इनपुट एजेंसियां  Edited By : Sudhir Sharma