आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि पारादीप से प्राप्त रडार डेटा के मुताबिक, चक्रवात दाना का बाहरी बैंड केंद्रपाड़ा और भद्रक जिले में तट से टकरा चुका है। चक्रवाती तूफान तट से लगभग 500 किलोमीटर दूर है, लेकिन बादलों से बना इसका बाहरी बैंड स्थानीय मौसम को प्रभावित कर सकता है।
क्या होता है तूफान का बाहरी बैंड : बादलों और गरज के साथ आने वाले तूफानों की बाहरी घुमावदार पट्टियों को बाहरी बैंड कहते हैं। ये पट्टियां घुमावदार तरीके से तूफान के केंद्र से दूर होती जाती हैं जिससे प्रभावित क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होती है।
कब और कहां टकराएगा तूफान : आईएमडी ने अनुमान जताया कि चक्रवात दाना एक-दूसरे से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और धामरा बंदरगाह के बीच शुक्रवार तड़के दस्तक दे सकता है। चक्रवात के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, पुरी और जगतसिंहपुर के तटीय जिलों में लोगों की सुरक्षित निकासी के प्रयास तेज कर दिए हैं।
1 से 2 मीटर ऊंची लहरों का अनुमान : ओडिशा के राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम तटीय क्षेत्रों से लोगों की निकासी को प्राथमिकता दे रहे हैं, क्योंकि आईएमडी ने भद्रक, केंद्रपाड़ा और बालासोर में समुद्र में एक से दो मीटर ऊंची लहरें उठने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। आईएमडी ने आशंका जताई कि चक्रवात की दस्तक के बाद इन जिलों के निचले इलाकों में पानी भर सकता है।
मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात के टकराने से ठीक पहले भद्रक, बालासोर और केंद्रपाड़ा के कुछ हिस्सों में तेज बारिश और तूफान के साथ 45 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। चक्रवात के टकराने के बाद इन तीन जिलों को बेहद भारी बारिश के साथ ही 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली अत्यधिक तीव्र हवाओं का सामना करना पड़ सकता है।
ओडिशा सरकार ने चक्रवात दाना के मद्देनजर आपातकालीन फोन नंबर जारी किए हैं, जिसके जरिये लोग राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) से संपर्क कर सकते हैं।