2004 में लड़ा पहला लोकसभा चुनाव : 1979 में लिटरेचर में स्नातक करने वाली पुरंदेश्वरी ने अपना पहला चुनाव 2004 में बापटला लोकसभा सीट से लड़ा था। फिल्म निर्माता दग्गुबाती रामानायडू को हराकर 44 साल की उम्र में वे पहली बार संसद पहुंचीं। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। 2009 में मनमोहन सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री बनीं। 2012 में उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद दिया गया।
पुरंदेश्वरी ने 2014 में छोड़ी कांग्रेस : आंध्रप्रदेश को 2 हिस्सों में बांटने की बात पर नाराज होकर वे 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई। 2020 में वे महिला मोर्चा की ओडिशा की प्रभारी बनीं। इसके बाद भाजपा महिला मोर्चा ने उन्हें छत्तीसगढ़ का प्रभार दिया। साउथ की सुषमा स्वराज कही जाने वाली पुरंदेश्वरी फिलहाल आंध्रप्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी है।
कम्मा समुदाय से आते हैं चंद्रबाबू और पुरंदेश्वरी : 2024 के लोकसभा चुनाव पुरंदेश्वर ने राजमहेंद्रवरम सीट से चुनाव लड़ा और वाईएसआर कांग्रेस के जी श्रीनिवास को करीब 2.40 लाख वोटों से हराकर वे सांसद बन गई। पुरंदेश्वरी और चंद्रबाबू नायडू दोनों ही कम्मा समुदाय से आते हैं। इस समुदाय को TDP का ट्रेडिशनल वोटर माना जाता है।
स्पीकर बनने वाली आंध्र की दूसरी सांसद हो सकती है पुरंदेश्वरी : अगर पुरंदेश्वरी को लोकसभा अध्यक्ष चुना जाता है, तो वह इस पद को संभालने वाले आंध्र की दूसरी सांसद होंगी। उनसे पहले, अमलापुरम के पूर्व सांसद जीएमसी बालयोगी 12वीं लोकसभा में अध्यक्ष रह चुके हैं। कहा जाता है कि बालयोगी की वजह से ही 1998 में संसद में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार 1 वोट से गिर गई थी।