आयोग ने मंगलवार को यहां जारी वक्तव्य में कहा कि अगर समाचार रिपोर्ट सही है तो इससे पता लगता है कि महाराजा यशवंत राव अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों ने बड़ी लापरवाही की, जो किसी मरीज के जीने के अधिकार का उल्लंघन करने के समान है।
आयोग ने कहा है कि समाचार रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल में एक दिन में दस से 20 मौतें होती हैं तो मुख्य सचिव इस संबंध में खास रिपोर्ट दें कि क्या ये मौतें बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण होती हैं या किसी तरह की लापरवाही की वजह से ऐसा होता है और यह भी बताएं कि सरकार ने ऐसी घटनाओं के समाधान के लिए क्या कोई कदम उठाया है?
मीडिया की खबरों के अनुसार, अस्पताल में 21 जून को तड़के तीन से चार बजे के बीच लगभग 15 मिनट तक ऑक्सीजन की आपूर्ति अचानक बाधित हो गई, जिससे दो बच्चों समेत 11 मरीजों की मौत हो गई। (वार्ता)