सोमवार को शुरू हुए चार दिवसीय सम्मेलन में शीर्ष सैन्य कमांडर चीन के साथ लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की युद्धक तैयारियों के साथ ही जम्मू कश्मीर में स्थिति की व्यापक समीक्षा कर रहे हैं।रक्षामंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों की भुजाओं को मजबूती देने के लिए सरकार कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
भारतीय सेना द्वारा उठाए गए कदमों पर मुझे बेहद गर्व है।पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच महीने से भी ज्यादा समय से गतिरोध बना हुआ है और दोनों पक्षों ने क्षेत्र में 50-50 हजार से ज्यादा सैनिकों की तैनाती कर रखी है जो गतिरोध की गंभीरता को परिलक्षित करता है। गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों पक्षों में कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।
सिंह ने कहा, सुधारों के मार्ग पर आगे बढ़ रही सेना को हर सुविधा देने और सभी क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने में मदद के लिए रक्षा मंत्रालय प्रतिबद्ध है। हम अपने सशस्त्र बलों की भुजाओं को मजबूत बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।
सेना की सराहना करते हुए सिंह ने कहा कि आजादी के बाद से देश की संप्रभुता और सुरक्षा से जुड़ी कई चुनौतियों का बल ने सफलतापूर्वक समाधान दिया है। उन्होंने कहा,चाहे वह आतंकवाद की समस्या हो, उग्रवाद या बाहरी आक्रमण, सेना ने उन खतरों को नाकाम करने में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।(भाषा)