दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी सुमन नलवा ने पहले कहा था कि 19 जनवरी को तड़के विकासपुरी, जनकपुरी, पश्चिम विहार, पीरागढ़ी और पश्चिमी दिल्ली के अन्य हिस्सों में दीवारों पर कई जगह आपत्तिजनक नारे लिखे दिखाई दिए।
अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन आदि में विदेशी नागरिकता वाले कुछ कट्टरपंथी सिखों द्वारा चलाए जा रहे संगठन एसएफजे को केंद्र सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 3(1) के प्रावधानों के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया था।
केंद्र ने 10 जुलाई, 2019 की अपनी अधिसूचना द्वारा एसएफजे को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया था और पांच साल के लिए यह कहते हुए उस पर प्रतिबंध लगा दिया था कि समूह का प्राथमिक उद्देश्य पंजाब में एक "स्वतंत्र और संप्रभु देश" स्थापित करने का है तथा यह खुलेतौर पर खालिस्तान की मांग का समर्थन करता है और इस प्रक्रिया में भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देता है। (भाषा)