राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के चिंताजनक स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार के कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे जबकि निजी कार्यालयों से भी ऐसा करने का आग्रह किया गया है। स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, सार्वजनिक परिवहन, अग्निशमन सेवाएं, कानून प्रवर्तन, बिजली आपूर्ति और आपातकालीन प्रतिक्रिया जैसी आवश्यक सेवाएं पूरी क्षमता से काम करना जारी रखेंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक सेवाएं अप्रभावित रहें।
दिल्ली नगर निगम सहित दिल्ली सरकार के लगभग 80 विभागों और विभिन्न एजेंसियों में लगभग 1.4 लाख लोग कार्यरत हैं। दिल्ली में बुधवार को भी जहरीली हवा और प्रदूषण चरम पर रहा और राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 426 दर्ज किया गया जो गंभीर श्रेणी में है। इसके अलावा बीती रात को दिल्ली में इस मौसम की अब तक की सबसे सर्द रात दर्ज की गई।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार के कार्यालयों के आधे कर्मचारी घर से काम (डब्ल्यूएफएच) करेंगे।
उन्होंने निजी कार्यालयों, उद्योगों और व्यवसायों से भी शहर के वायु प्रदूषण संकट को कम करने में मदद के लिए इसी तरह के उपाय लागू करने का आग्रह किया। राय ने सुझाव दिया कि निजी संस्थाएं व्यस्त समय के दौरान वाहनों की भीड़ को कम करने के मद्देनजर कार्यालय समय को सुबह 10.30 से 11.00 बजे के बीच करने पर विचार करें। उन्होंने कहा कि कार्यालय समय को समायोजित करने से न केवल यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि वाहनों से होने वाले उत्सर्जन पर भी अंकुश लगेगा। इनपुट एजेंसियां
वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने बड़ी संख्या में कार्यरत कर्मचारियों वाली कंपनियों को कर्मचारियों के लिए बस सेवा की व्यवस्था करने की सलाह दी है।
राय ने कहा, हम प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं और आज के फैसले उसी प्रयास का हिस्सा हैं। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा।
उन्होंने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित पड़ोसी राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों की भी आलोचना की, जो प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय करने में विफल रही हैं।
राय ने कहा, दिल्ली भाजपा शासित राज्यों से घिरी हुई है और उनकी सक्रिय कार्रवाई की कमी हमें प्रभावित कर रही है। मैं उनसे (राज्यों) आग्रह करता हूं कि वे प्रदूषण से निपटने के इन प्रयासों में भाग लें, जैसा कि दिल्ली सरकार कर रही है।