नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत का रहस्य और गहराता जा रहा है। एक तरफ शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में संघर्ष का कोई संकेत नहीं मिला है, वहीं परिजनों का मानना है यह हत्या का मामला है। क्योंकि उनका परिवार न तो किसी तंत्र मंत्र में विश्वास रखता था और न ही किसी बाबा को मानता था।
पुलिस को आत्महत्या का शक : पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि 15 से 77 साल तक की उम्र के 11 सदस्यों ने रविवार को आपसी सहमति से कहीं खुदकुशी तो नहीं की। पुलिस ने इस पहलू पर जांच उस वक्त शुरू की जब कल उसे घर में हाथ से लिखे गए नोट्स मिले, जिसमें इन मौतों के पीछे कोई ‘धार्मिक या आध्यात्मिक पहलू’ होने के संकेत थे। हाथ से लिखे गए नोटों में कहा गया है, ‘मानव शरीर अस्थायी है। अपनी आंखें और मुंह बंद करके डर से उबरा जा सकता है।’
बाबाओं पर नहीं था यकीन : घर के फर्श पर मृत पाई गईं नारायण देवी (77) की बेटी सुजाता नागपाल ने मीडिया पर आरोप लगाया कि वह चीजों के बारे में अटकलें लगा रहा है और खुदकुशी की कहानी सुना रहा है।
सुजाता ने कहा कि मैं हर दूसरे दिन अपनी मां से बात करती थी। हमारे परिवार में सब कुछ अच्छा चल रहा है। हम शिक्षित परिवार के लोग हैं और बाबा जैसी चीजों में यकीन नहीं करते। यह खुदकुशी का मामला नहीं है। मीडिया चीजों के बारे में अटकलें लगा रहा है और परिजनों की खुदकुशी की गलत जानकारी प्रकाशित-प्रसारित कर रहा है।
शादी की तैयारियां चल रही थीं : नारायण देवी की भतीजी गीता ठकराल ने कहा कि उन्हें शक है कि परिवार के बाहर का कोई शख्स इन मौतों में शामिल है। गीता को कल शाम 6:30 बजे इस घटना के बारे में पता चला। उन्होंने कहा कि परिवार मृतकों में शामिल प्रियंका (33) की शादी की तैयारियों में जुटा था और पिछले महीने हुई उसकी सगाई का जश्न मनाया गया था।
उन्होंने कहा कि वे किसी अन्य सामान्य परिवार की तरह धार्मिक थे। बाबा और तांत्रिक के बहुत सारे किस्से सुनने के बाद हमारा परिवार उन पर शायद ही यकीन करता था। गीता ने कहा कि परिवार का कारोबार अच्छा चल रहा था। परिवार में कोई झगड़ा नहीं था। वे शादी की तैयारियों में व्यस्त थे। वे सब खुश थे। तो वे खुदकुशी क्यों करेंगे?
11 मृतकों की पहचान नारायण देवी, उनकी बेटी प्रतिभा (57), देवी के दो बेटे भवनेश (50) और ललित भाटिया (45), ललित की पत्नी टीना (42) और उनका 15 साल का बेटा शिवम शामिल हैं। इसके अलावा, प्रतिभा की बेटी प्रियंका भी मृतकों में शामिल है। पुलिस ने बताया कि नारायण देवी को छोड़कर बाकी सभी के शव छत में लगी छड़ों से झूलते पाए गए थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि मीनू प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी, जबकि निधि स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही थी।
संघर्ष के संकेत नहीं : उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में अपने घर में मृत पाए गए 11 लोगों में से आठ के पोस्टमार्टम में संघर्ष के कोई संकेत नहीं मिले हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन सभी की मौत फांसी पर लटकने के कारण हुई। अधिकारी के मुताबिक दो बच्चों और बुजुर्ग महिला नारायण देवी समेत आठ लोगों का पोस्टमार्टम किया गया है और अब तक पुलिस को गला घोंटे जाने या हाथापाई के कोई संकेत नहीं मिले हैं।
इस सवाल का जवाब नहीं : पहले यह आशंका जताई जा रही थी कि नारायण देवी की मौत गला घोंटे जाने से हुई है लेकिन चिकित्सकों का कहना है उनकी मौत भी फांसी लगने के कारण ही हुई है क्योंकि रस्सी उनके शव के निकट लटकी हुई पाई गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब यह जांच का विषय है कि उनके गले से रस्सी को निकाला किसने होगा।
उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में ऐसा लगता है कि उन सभी की मौत फांसी पर लटकने की वजह से ही हुई है। अंतिम रिपोर्ट अभी आई नहीं है। फांसी से लटके पाए गए लोगों के चेहरे पर टेप लगे थे और उनके चेहरे जिन कपड़ों के टुकड़ों से ढके हुए थे, वह एक ही चादर में से काटे गए थे। बुजुर्ग महिला का चेहरा ढका हुआ नहीं था। पुलिस ने बताया कि उनका पोस्टमार्टम जारी है।