दिल्ली हाईकोर्ट में वकील उदय बेदी द्वारा दायर याचिका दायर की है जिसमें कहा गया कि व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया बिचौलियों के उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता के मौलिक अधिकारों की कथित रूप से अवहेलना करने के लिए नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों को चुनौती देती है।
याचिका में कहा गया है कि नियमों का हवाला देते हुए कहा गया कि आईटी कानून के तहत अत्यधिक शक्तियां देकर लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के विरोधी नियमों ने सोशल मीडिया मंचों को अपने उपयोगकर्ताओं पर लगातार नजर रखने की अनुमति दी है, जो निजता के अधिकार का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि नियमों के तहत भले ही व्यक्ति नियमों के उल्लंघन के लिए किसी जांच के दायरे में नहीं हो, इसके बावजूद मध्यस्थ को बिना किसी औचित्य के उसका डेटा रखना होगा, जो उपयोगकर्ता के निजता के अधिकार का घोर उल्लंघन है।
अपनी याचिका में बेदी ने कहा कि शिकायत अधिकारी और/या मुख्य अनुपालन अधिकारी के निर्णय के खिलाफ नियमों के तहत कोई अपीली प्रक्रिया मुहैया नहीं कराई गई है और नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने के व्यापक अधिकार निजी व्यक्तियों के हाथों में सौंप दिए गए हैं, जो आश्चर्यजनक और पूरी तरह अनुचित है।