एक याचिका पर अदालत द्वारा पूछे गए सवाल पर विश्वविद्यालय ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ को इस बारे में अवगत कराया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने 31 अक्टूबर तक सभी परिणाम घोषित करने का हलफनामा दिया था और इस संबंध में अदालत के आदेश का उल्लंघन किया गया।
याचिकाकर्ता ने कहा था कि डीयू ने 12 अक्टूबर के आदेश का उल्लंघन किया, जिसमें विश्वविद्यालय ने खुद कहा था कि वह स्नातकोत्तर और स्नातक पाठ्यक्रमों के नतीजों को समय पर घोषित कर देगा और अंतिम परिणाम 31 अक्टूबर तक घोषित कर दिए जाएंगे।