नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बढ़ते डेंगू और चिकनगुनिया का मामला बुधवार को उच्चतम न्यायालय में पहुंच गया जिस पर 26 सितंबर को सुनवाई होगी।
राजधानी के एक चिकित्सक अनिल मित्तल ने एक जनहित याचिका दायर करके न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाने के निगम को निर्देश दें।
मित्तल के वकील ने मामले की त्वरित सुनवाई का न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से अनुरोध किया जिसे उसने मान लिया और सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तारीख मुकर्रर की।
याचिकाकर्ता ने दक्षिण दिल्ली नगर निगम और दिल्ली के अन्य वार्डों को पक्षकार बनाया है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली कूड़े के ढेर में तब्दील होती जा रही है और एजेंसी इस पर कोई काम नहीं कर रही है। हजारों लोग डेंगू और चिकनगुनिया के शिकार हुए हैं।
याचिका में कहा गया है कि चिकुनगुनिया से निपटने के लिए कोई वैज्ञानिक पद्धति नहीं है। जो वर्तमान चिकित्सा व्यवस्था है, वह चिकनगुनिया को रोकने के लिए सक्षम नहीं है। उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के झगड़े की वजह से एजेंसी काम नहीं कर रही है। (वार्ता)