Indian MPs will expose Pakistan to the world : सरकार पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद आक्रामक राजनयिक अभियान के तहत वैश्विक मंच पर भारत के पक्ष को मजबूती से रखने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करने के लिए अगले सप्ताह से विभिन्न देशों में कई बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगी। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों से सरकार ने इसके लिए आह्वान किया है और कुछ दलों ने राजनयिक प्रयास के लिए अपने सदस्यों को भेजने की मंजूरी भी दे दी है।
सूत्रों ने कहा कि कुछ पूर्व केंद्रीय मंत्री इन प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। विदेश जाने वाले इन प्रतिनिधिमंडलों या उनके सदस्यों की संख्या को लेकर फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है, हालांकि कुछ नेताओं ने कहा कि 30 से अधिक सांसद हो सकते हैं। प्रतिनिधिमंडल 10 दिनों की अवधि के लिए विभिन्न देशों का दौरा करेंगे। सांसद सरकार द्वारा निर्धारित देशों का दौरा करेंगे।
विदेश मंत्रालय इस राजनयिक मिशन के लिए रवाना होने से पहले सांसदों को पूरी जानकारी देगा। सूत्रों ने बताया कि जिन पार्टियों के सांसद प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे उनमें भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी), जनता दल (यूनाइटेड), बीजू जनता दल, माकपा और कुछ अन्य शामिल हैं।
इस राजनयिक प्रयास का हिस्सा बनने वाले एक नेता ने कहा कि उन्हें 22-23 मई तक 10 दिनों की अवधि के लिए रवाना होने के वास्ते तैयार रहने को कहा गया है और विदेश मंत्रालय यात्रा कार्यक्रम सहित आवश्यक विवरण प्रदान करने के लिए उनके संपर्क में रहेगा।
सूत्रों ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और ओडिशा से भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा बनने वाले सत्तारूढ़ दल के सदस्यों में शामिल हैं। सरकार ने इस कूटनीतिक कवायद के बारे में कांग्रेस के कम से कम चार सांसदों के अलावा अन्य सांसदों को भी अवगत करा दिया है। सूत्रों का कहना है कि दौरे के लिए तैयार सरकार की सूची में शामिल कांग्रेस सांसदों में शशि थरूर, मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद और अमर सिंह शामिल हैं और पार्टी ने पुष्टि की है कि वह प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे।
सूत्रों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, जद (यू) के संजय झा, बीजद के सस्मित पात्रा, शिवसेना (उबाठा) की प्रियंका चतुर्वेदी, राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले, द्रमुक की के कनिमोझी, माकपा के जॉन ब्रिटास, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी के विक्रमजीत सिंह साहनी और कुछ अन्य नेताओं को भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए कहा जा रहा है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद को दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया जाने वाले सात सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए कहा गया है। यह प्रतिनधिमंडल दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर जैसे देशों का दौरा करेगा।
वहीं महाराष्ट्र के बारामती के सांसद सुले पश्चिम एशिया और अफ्रीका जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर सकती हैं। यह प्रतिनिधिमंडल ओमान, मिस्र, केन्या और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश जाएगा। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के यूरोप या मध्य पूर्व में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की संभावना है और उनसे उनकी उपलब्धता के बारे में पूछा गया है। उन्होंने बताया कि थरूर के एक और प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की संभावना है।
अनुराग ठाकुर मध्य पूर्व और अफ्रीका का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे, वहीं अपराजिता सहयोगी सारंगी दक्षिण-पूर्व एशिया के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगी। साहनी भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। शिवसेना (यूबीटी) सांसद चतुर्वेदी सऊदी अरब, अल्जीरिया, कुवैत और बहरीन जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगी। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अमर सिंह भी शामिल होंगे। इस मामले पर फिलहाल सरकार की तरफ से आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने इस बारे में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात की है। रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमलों और ऑपरेशन सिंदूर पर दो सर्वदलीय बैठकों की अध्यक्षता करने से इनकार कर दिया। प्रधानमंत्री संसद का विशेष सत्र बुलाने पर सहमत नहीं हुए। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सामूहिक संकल्प दिखाने और 22 फरवरी, 1994 को संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को दोहराने की मांग कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी लगातार कांग्रेस को बदनाम कर रही है, जबकि उसने एकता और एकजुटता का आह्वान किया है। रमेश का कहना है, अब अचानक प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत का रुख समझाने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने का फैसला किया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमेशा राष्ट्रीय हित के साथ खड़ी होती है और कभी भी भाजपा की तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करती है। इसलिए कांग्रेस निश्चित रूप से इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होगी।
बीते 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया तथा पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour