पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हम अपने लक्ष्य को पाने के लिए निकले हैं जिसकी यात्रा निरंतर जारी है और इस यात्रा में बड़े संघर्ष हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि गांवदारी, परिवार और उनके साथ रहने वाले लोगों के कृत्यों को एवं अन्य असंवैधानिक विषयों को हमसे न जोड़ा जाए, जिसने जो किया है, उसका फल उसे अवश्य मिलेगा। हम अपने मार्ग पर तब तक चलेंगे, जब तक हमारे इस शरीर में प्राण रहेंगे।