प्रतिनिधि की शिकायत थी कि जब सरकार ऐसा नियम लाने पर विचार कर रही थी और इस पर लोगों की राय जानने के लिए बैठकें हो रही थीं तब डीजल आटो टैक्सी वालों से कुछ नहीं पूछा गया। यह जानने की कोशिश नहीं की गई कि उनकी क्या दिक्कतें हैं। ऐसे में जो यह फैसला आया है, वह पूरी तरह से एकतरफा है। मौजूदा हालात में डीजल ऑटो टैक्सी ऑपरेटरों को अपने वाहन सीएनजी में तब्दील करने के लिए सरकार की ओर से कुछ रियायत या मदद मिलनी चाहिए।