डीजल टैक्सी ऑपरेटरों का जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन

रविवार, 1 मई 2016 (18:47 IST)
नई दिल्ली। राजधानी में डीजल वाले ऑटो और टैक्सियों को सीएनजी में तब्दील करने के आदेश के खिलाफ रविवार को यहां बड़ी संख्या में ऑटो और टैक्सी ऑपरेटरों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह आदेश उनकी रोजी-रोटी छीन लेगा। उन्होंने कहा कि डीजल वाहनों को सीएनजी में तब्दील करना एक बेहद खर्चीली प्रक्रिया है। सबके पास इतने पैसे नहीं होते।
 
ऑपरेटरों ने कहा कि सरकार टैक्सी वालों से अच्छा-खासा टैक्स वसूलकर अपना खजाना भरती है लेकिन अब जब उच्चतम न्यायालय का आदेश आ गया है तो उन्हें बचाने की बजाए अपने हाल पर मरने के लिए छोड़ दिया है।
 
प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधि ने कहा कि डीजल टैक्सियों को सीएनजी में तब्दील करने के पीछे बाकायदा एक गिरोह काम कर रहा है, जो इसकी आड़ में कालेधन को सफेद करना चाहता है।
 
प्रतिनिधि की शिकायत थी कि जब सरकार ऐसा नियम लाने पर विचार कर रही थी और इस पर लोगों की राय जानने के लिए बैठकें हो रही थीं तब डीजल आटो टैक्सी वालों से कुछ नहीं पूछा गया। यह जानने की कोशिश नहीं की गई कि उनकी क्या दिक्कतें हैं। ऐसे में जो यह फैसला आया है, वह पूरी तरह से एकतरफा है। मौजूदा हालात में डीजल ऑटो टैक्सी ऑपरेटरों को अपने वाहन सीएनजी में तब्दील करने के लिए सरकार की ओर से कुछ रियायत या मदद मिलनी चाहिए।
 
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में प्रदूषण पर शनिवार को हुई सुनवाई के बाद अपने फैसले में साफ कह दिया कि 1 मई के बाद से राजधानी में डीजल वाले ऑटो और टैक्सियां नहीं चल सकेंगी।
 
न्यायालय ने इन वाहनों को सीएनजी में तब्दील करने के लिए कुछ और मेाहलत दिए जाने से भी इंकार कर दिया। इनको इस काम के लिए दी गई समयसीमा शनिवार को समाप्त हो गई थी।
 
न्यायालय ने इसके साथ ही 2,000 सीसी या उससे अधिक के इंजन क्षमता वाले भारी वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगाने का अपना आदेश भी बरकरार रखा। (वार्ता)

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