मुंबई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे पर खर्च को लेकर शिवसेना ने मोदी सरकार पर हमला बोला है।
शिवसेना ने 'सामना' के संपादकीय में लिखा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति अर्थात 'बादशाह' अगले सप्ताह हिन्दुस्तान के दौरे पर आने वाले हैं इसलिए अपने देश में जोरदार तैयारी शुरू है।
शिवसेना ने 'सामना' में लिखा है कि हम ऐसा पढ़ते हैं कि प्रेसिडेंट ट्रंप वे केवल 3 घंटों के दौरे पर आ रहे हैं और उनके लिए 100 करोड़ रुपया सरकारी तिजोरी से खर्च हो रहा है।
शिवसेना ने 'सामना' के संपादकीय में लिखा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति अर्थात 'बादशाह' अगले सप्ताह हिन्दुस्तान के दौरे पर आने वाले हैं इसलिए अपने देश में जोरदार तैयारी शुरू है। 'बादशाह' प्रेसिडेंट ट्रंप क्या खाते हैं, क्या पीते हैं, उनके गद्दे-बिछौने, टेबल, कुर्सी, उनका बाथरूम, उनके पलंग, छत के झूमर कैसे हों, इस पर केंद्र सरकार बैठक, सलाह-मशविरा करते हुए दिखाई दे रही है।
शिवसेना ने 'सामना' में लिखा है कि राष्ट्रपति ट्रंप को पहले गुजरात में ही क्यों लेकर जाया जा रहा है? इस सवाल का सही जवाब मिलना कठिन है। मोदी ने ट्रंप को पहले गुजरात में ले जाने का तय किया है और उनके निर्णय का आदर होना चाहिए।
शिवसेना ने 'सामना' में लिखा है कि कहा है कि अपनी 'गुलाम' मानसिकता के लक्षण इस तैयारी से दिख रहे हैं। प्रेसिडेंट ट्रंप ये कोई दुनिया के 'धर्मराज' या 'मिस्टर सत्यवादी' निश्चित ही नहीं हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप को सड़क से सटे गरीबों के झोपड़े का दर्शन न हो, इसके लिए सड़क के दोनों ओर किलों की तरह ऊंची-ऊंची दीवारें बनाने का काम शुरू है। ट्रंप की नजर से गुजरात की गरीबी व झोपड़े बच जाएं, इसके लिए यह 'राष्ट्रीय योजना' हाथ में ली गई है, ऐसा कटाक्ष होने लगा है।
ट्रंप को देश का दूसरा पहलू दिखे नहीं, क्या यह उठा-पटक इसके लिए है? सवाल इतना ही है मोदी सबसे बड़े 'विकास पुरुष' हैं। उनसे पहले इस देश में किसी ने विकास नहीं किया और बहुधा बाद में भी कोई नहीं करेगा।
शिवसेना ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि मोदी 15 वर्षों तक गुजरात राज्य के 'बड़े प्रधान' और अब 5 वर्षों से पूरे देश के 'बड़े प्रधान' हैं फिर भी गुजरात की गरीबी और बदहाली छिपाने के लिए दीवार खड़ी करने की नौबत क्यों आई?