जल्द शुरू होगा मानसून का डायनेमिक पूर्वानुमान : हर्षवर्धन

बुधवार, 25 मई 2016 (00:21 IST)
नई दिल्ली। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज कहा कि जल्द ही देश में मानसून का डायनेमिक पूर्वानुमान शुरू हो जाए गा जिससे ब्लॉक स्तर तक के लिए यह बताना संभव होगा कि मानसून के दौरान वहाँ कितनी बारिश होगी।
       
देश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी खेती पर निर्भर है। कई इलाकों में सिंचाई की सुविधा नहीं है और मानसून पर किसानों की निर्भरता काफी ज्यादा है। इसे देखते हुए मानसून का सटीक और स्थानीय स्तर का अनुमान एक ओर उनके लिए बुआई आदि का समय तय करने में मददगार होगा तो दूसरी ओर सरकार सूखे या अतिवृष्टि की समस्या से निपटने के लिए बेहतर तैयारी कर सकेगी। 
         
मंत्रालय के दो साल की उपलब्धियों का विवरण देने के लिए यहाँ आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा राष्ट्रीय मानसून मिशन के तहत हम मानसून तथा मौसम के बेहतर अनुमान की दक्षता हासिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं। 
 
जल्द ही मौसम विभाग मानसून का डायनेमिक अनुमान जारी करने की स्थिति में होगा। इससे हर पल बदलते मौसम के मिजाज के अनुरूप आंकड़ों का विश्लेषण कर अनुमानों में संशोधन की गुंजाइश होगी। साथ ही जिला स्तर या ब्लॉक स्तर तक के लिए भी अनुमान जारी करना भी संभव हो सकेगा। 
 
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न राज्यों की राजधानियों के पत्रकारों को संबोधित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सरकार तथा विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पसंदीदा क्षेत्र है। हमारे वैज्ञानिक हमेशा से अच्छा काम करते रहे हैं, लेकिन पिछले दो साल में उन्होंने बेहतरीन काम किया है। 
 
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान केंद्र (सीएसआईआर) दुनिया की 100 शीर्ष संस्थानों में शामिल एक मात्र भारतीय संस्थान है। उन्होंने पिछले दो साल के दौरान संस्थान द्वारा किए गए कुछ महत्वपूर्ण कार्यों का भी ब्योरा दिया। 
            
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय के तहत आने वाले चारों विभाग हाईएंड अनुसंधान जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सिक्यूरिटी आदि में भी काम कर रहे हैं। डेंगू और मलेरिया का उपचार ढूँढ़ने का काम अग्रिम चरण में है। बायोटेक क्षेत्र का आकार बढ़ाकर वर्ष 2025 तक 100 अरब डॉलर करने का लक्ष्य है। 
            
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मोदी सरकार ने ब्रेन ड्रेन को बदलकर ब्रेन गेन की स्थिति पैदा करने के लिए कार्यक्रम चला रखा है। सरकार ने स्कॉलरशिप और फेलोशिप की राशि में 50 प्रतिशत का इजाफा किया है। महिला वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने के लिए भी सरकार ने कई कदम उठाए हैं और सैकड़ों महिलाएँ इसका लाभ ले चुकी हैं।
            
एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले 20-30 साल में विज्ञान में छात्रों की रुचि कम हुई है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के माध्यम से ही आम लोगों की अनसुलझी समस्याओं का समाधान हो सकता है। 
 
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि चाहे वह फंडामेंटल साइंस हो, एप्लाइड साइंस या ट्रांसलेशनल रिसर्च, सरकार किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं कर रही है। मंत्री ने कहा कि स्कूल से ही बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करने पर सरकार का पूरा फोकस है। (वार्ता) 

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