बयान के मुताबिक इस परियोजना को टाटा संस के प्रमुख योगदान के साथ वित्त पोषित किया गया है। इसके अलावा मैसर्स बीईएल, मैसर्स बीडीएल, एएमपीएल, श्री वेंकटेश्वर इंजीनियर्स, ब्रह्मोस प्राइवेट लिमिटेड और भारत फोर्ज ने भी निर्माण में योगदान किया तथा डीआरडीओ के कर्मचारी स्वेच्छा से इसमें एक दिन के वेतन का योगदान कर रहे हैं।