केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि साल 2017 में इस ई-वीजा योजना का इस्तेमाल 19 लाख पर्यटकों ने किया था और ऐसी उम्मीद है कि 2018 में इसका लाभ 25 लाख से ज्यादा पर्यटक उठाएंगे। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2014 में इसकी शुरुआत के बाद से इससे 1,400 करोड़ रुपए का राजस्व कमाया गया।
ई-वीजा के शुल्क को 4 भागों में बांटा गया है। ये हैं शून्य, 25 अमेरिकी डॉलर, 50 अमेरिकी डॉलर और 75 अमेरिकी डॉलर। यह शुल्क राष्ट्रीयता और पारस्परिक आदान-प्रदान पर आधारित है। इस योजना की सुविधा का लाभ 163 देशों के नागरिकों के लिए उपलब्ध है। इसके अनुसार इन देशों के पर्यटक 25 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और 5 समुद्री बंदरगाहों से भारत में आ सकते हैं। ई-वीजा पर आए पर्यटक 2 महीने तक भारत में रुक सकते हैं। (भाषा)