मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के संज्ञान में आया है कि कुछ 'एड-टेक कंपनियां' अभिभावकों को मुफ्त सेवाएं देने की आड़ में लुभा रही हैं और इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर दस्तावेज पर हस्ताक्षर करा रही हैं या ऑटो-डेबिट सुविधा को सक्रिय करवा रही हैं।
मंत्रालय ने कहा कि शिक्षा में प्रौद्योगिकी के व्यापक प्रभाव को देखते हुए कई 'एड-टेक कंपनियां' ऑनलाइन तरीके से पाठ्यक्रम, शिक्षा संबंधी सामग्री, प्रतियोगी और अन्य परीक्षाओं के लिए कोचिंग की पेशकश शुरू की है।