मगरिब की नमाज के बाद रोजेदार चांद की तलाश में छतों पर चढ़ गए। आसमान साफ था, इसलिए कुछ ही देर में चांद नजर भी आ गया। रविवार को सऊदी अरब में ईद मनाई गई थी, इसलिए सोमवार को यहां ईद का होना तय माना जा रहा था।
ईद के दिन मस्जिद में सुबह का नमाज पढ़ी जा रही है और लोग एक दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद दे रहे हैं। ईद-उर-फितर के दिन मुसलमान 30 दिनों के बाद पहली बार दिन में खाना खाते हैं। मान्यता है कि रमजान महीने की 27वीं रात को कुरान का नुजूल यानी अवतरण हुआ था। हिजरी कैलेण्डर के अनुसार ईद साल में दो बार आती है। एक ईद को ईद-उल-फितर और दूसरी को ईद-उल-जुहा कहा जाता है। आज ईद उल फितर मनाई जा रही है। ईद-उल-फितर को ईद या मीठी ईद भी कहते हैं।
दिल्ली की जामा मस्जिद ने भी करीब रात आठ बजे अधिकारिक घोषणा कर दी कि सोमवार को ईद है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अपनी छतों और मस्जिदों में ईद के चांद के दीदार करने को बेकरार दिखे। चांद दिखने के बाद बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। चांद का दीदार होते ही लोगों ने बाजारों में पहुंचकर दूध, ड्राई फ्रूट और सेवई आदि खरीदे। युवाओं ने कपड़ों की खरीदारी की। महिलाएं सौंदर्य प्रसाधन कपड़े और होम डेकोरेट सामग्री खरीदने में लगी रहीं।