नई दिल्ली। मोदी सरकार ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव बॉन्ड की 22वीं किस्त जारी करने को गुरुवार को मंजूरी दी। यह बिक्री के लिए एक अक्टूबर से उपलब्ध होगा। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा कुछ सप्ताह में होने की संभावना है।
क्या है चुनावी बॉन्ड : चुनावी बॉन्ड एक वचन पत्र की तरह होता है जिसे भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से किसी भी भारतीय नागरिक या कंपनी द्वारा खरीदा जा सकता है। ये बॉन्ड अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक दल को दान किए जा सकते हैं। बॉन्ड बैंक नोटों के समान होते हैं जो मांग पर वाहक को देय होते हैं। यह ब्याज मुक्त होते हैं।
SBI जारी करेगी चुनावी बॉन्ड : भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को बिक्री के 22वें चरण में एक अक्टूबर से 10 अक्टूबर, 2022 तक अपनी 29 अधिकृत शाखाओं के माध्यम से चुनावी बॉन्ड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है। अधिकृत एसबीआई शाखाओं में लखनऊ, शिमला, देहरादून, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, पटना, नयी दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर और मुंबई शामिल हैं।
कौन जुटा सकता है चुनावी बॉन्ड से फंड : राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत विभिन्न दलों को दिए गए नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बॉन्ड लाया गया था। पिछले लोकसभा या राज्य विधानसभा चुनावों में कम से कम एक प्रतिशत मत प्राप्त करने वाले पंजीकृत राजनीतिक दल चुनावी बॉन्ड के जरिये कोष प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।
कौन खरीद सकता है चुनावी बॉन्ड : योजना के प्रावधानों के अनुसार चुनावी बॉन्ड वह व्यक्ति या इकाई खरीद सकता है, जो भारत का नागरिक है या भारत में गठित हुई हो।
15 दिन वैध रहेंगे यह बॉन्ड : चुनावी बॉन्ड जारी होने की तारीख से 15 दिनों के लिए वैध होंगे। वैधता अवधि की समाप्ति के बाद चुनावी बॉन्ड जमा करने पर संबंधित राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। पात्र राजनीतिक दल के खाते में जमा किए गए चुनावी बॉन्ड की राशि उसी दिन खाते में जमा हो जाएगी।
इससे पहले, बॉन्ड के 21वें चरण के तहत बिक्री एक जुलाई से 10 जुलाई, 2022 तक हुई थी। चुनावी बॉन्ड के पहले चरण के तहत बिक्री एक से 10 मार्च, 2018 तक हुई थी।