नई दिल्ली। मौका था राष्ट्रपति भवन में पद्म सम्मान समारोह का। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चुने गए लोगों को सम्मानित कर रहे थे। तभी एक बुजुर्ग महिला का नंबर आता है और वे जैसे ही राष्ट्रपति की ओर बढ़ती हैं, एक पल के लिए सभी ठिठक जाते हैं। दरअसल, उनके 'अति साधारण' पहनावे को देखकर लोगों का चौंकना स्वाभाविक भी था।
दरअसल, ये थीं तुलसी गौड़ा, जिन्हें पर्यावरण के क्षेत्र में असाधारण काम करने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। 72 साल की तुलसी के शरीर पर कपड़े ऐसे लग रहे थे मानो कोई चादर लपेटी गई हो। वे नंगे पैर ही वहां पहुंची थीं। लेकिन वह दृश्य अद्भुत था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जैसी हस्तियां हाथ जोड़े उनका अभिवादन कर रही थीं।
तुलसी गौड़ा को एक पर्यावरण योद्धा हैं, जिन्हें इनसाइक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट के नाम से जाना जाता है। उन्हें सामाजिक कार्यों के लिए 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया है। कर्नाटक की हलक्की जनजाति से ताल्लुक रखने वालीं तुलसी पिछले 6 दशक से पर्यावरण सुरक्षा के लिए काम कर रही हैं।
गरीब आदिवासी परिवार में जन्मीं गौड़ा ने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा, लेकिन उन्हें जंगल में पाए जाने वाले पेड़-पौधों, मसालों और जड़ी-बूटियों के बारे खासी जानकारी है। तुलसी ने 12 साल की उम्र से अब तक करीब 30 हजार पौधे लगाकर उन्हें पेड़ का रूप दिया। वे समाज में पर्यावरण की अलख जगा रही हैं साथ ही अपने ज्ञान के खजाने को नई पीढ़ी के साथ साझा भी कर रही हैं।