यह बात श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कही। ईपीएफओ के 6 करोड़ सदस्यों से संपर्क की नई पहल 'निधि आपके निकट' का अनावरण करते हुए श्रम मंत्री ने कहा, 'हमें यह ध्यान रखना है कि ईपीएफओ के हर अंशदाता के पास सेवानिवृत्ति तक अपना घर हो। हम इस पर विचार कर रहे हैं।'
उन्होंने इस योजना का ब्योरा नहीं दिया। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, आवास वित्त कंपनियों, एनबीसीसी जैसी निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और डीडीए, पीयूडए, हुडा जैसे संस्थानों के साथ गठजोड़ करना चाहती है, ताकि सरकार द्वारा तय मूल्य पर आवास निर्माण हो सके। ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त केके जालान ने बाद में कहा कि ईपीएफओ के न्यासियों की समिति और श्रम मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं। समिति जल्दी ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
जालान ने यह भी कहा कि ईपीएफओ ने कर्मचारियों के अंशदान से जुड़ी बीमा योजना 1976 के तहत अधिकतम बीमित राशि 3.6 लाख रुपए से बढ़ाकर 4.5 लाख रुपए कर दी गई है। फिलहाल, ईपीएफओ के 70 प्रतिशत अंशदाता जिनका मूल वेतन 15,000 रुपए प्रति माह से कम है, वे इसका फायदा नहीं उठा सकते। ईपीएफओ की योजना केंद्र की हाल में पेश '2022 तक सबके लिए आवास' की पृष्ठभूमि में आई है। दत्तात्रेय ने यह भी कहा कि ईपीएफओ जल्दी ही अंशदाताओं के खाते का ब्योरा मोबाइल फोन पर मुहैया कराने की सेवा शुरू करेगा।