सरकारी-प्रतिभूतियों में लगेगा ईपीएफ का ज्यादा पैसा

रविवार, 27 मार्च 2016 (11:38 IST)
नई दिल्ली। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि ईपीएफओ शेयर बाजार में निवेश जारी रखेगा पर सार्वजनिक क्षेत्र के बांडों में अपेक्षाकृत अधिक धन लगाएगा ताकि बुनियादी ढांचा विकास के सरकारी कार्यक्रमों को प्रोत्साहन मिले।
 
ईपीएफओ का 65 प्रतिशत पैसा सरकारी प्रतिभूतियों में लगाने के लिए निवेश के स्वरूप में बदलाव के प्रस्ताव पर ईपीएफ संगठन के न्यासी मंडल में मंगलवार को विचार किया जाना है। अभी ईपीएफ का 50 प्रतिशत धन सरकारी क्षेत्र के बांडों में लगाया जाता है।
 
दत्तात्रेय ने कहा, 'शेयरों में निवेश का सिलसिला जारी रहेगा। हमने एक फैसला किया है कि हम 65 प्रतिशत तक निवेश सरकारी प्रतिभूतियों में करेंगे। शेष 35 प्रतिशत निवेश निजी बांड और शेयरों में जाएगा।'
 
मंत्री ने कहा कि मौजूदा स्थितियों को देखते हुए और सरकार की बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर, वे यही ब्याज दर देंगे। इसलिए हम सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश को तरजीह देंगे।
 
ईपीएफओ इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) मॉडल के आधार पर पूरी तरह सरकार द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं में 50,000 करोड़ रुपए के निवेश के लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से भी बात कर रहा है।
 
ईपीएफओ के पैसे को सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं में लगाने के संबंध में हालांकि अभी कोई फैसला नहीं किया जा सका क्योंकि ईपीएफओ बांड पर ऐसी दर चाहता था जो इसके अंशदाताओं को दी जाने वाली 8.75 प्रतिशत की ब्याज दर के अनुरूप हो।
 
जहां तक शेयरों में निवेश की बात है तो पहले यह आशंका थी कि श्रम मंत्रालय ईपीएफओ द्वारा शेयर बाजार में निवेश का फैसला वापस लेने पर विचार कर सकता है क्यों कि ऐसे निवेश का प्रतिफल अभी रिणात्मक रहा है। संगठन साल में अपने कोष में होने वाली वृद्धि का पांच प्रतिशत ईटीएफ (एक्सचेंज में सूचीबद्ध कोषों) की यूनिटों के जरिए शेयरों में निवेश करता है।
 
हाल में ईपीएफओ के विश्लेषण से स्पष्ट है कि संस्था को अगस्त 2015 से अब तक ईटीएफ में 5,920 करोड़ रुपए के निवेश पर 9.54 प्रतिशत का नुकसान हुआ। ईपीएफओ के ईटीएफ में 5,920 करोड़ रुपए का निवेश यूनिटों के बाजार मूल्य के हिसाब से 29 फरवरी 2016 को 5,355 करोड़ रुपए रहा।
 
ईपीएफओ को मार्च 2016 में समाप्त वित्त वर्ष के दौरान 1.12 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त जमा प्राप्त होगी। ईपीएफओ अंशधारकों के कुल 8.5 लाख करोड़ रुपए की राशि का प्रबंधन कर रहा है और उसके अंशदाताओं की संख्या पांच करोड़ से अधिक है। (भाषा)

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