उन्होंने कहा, हम सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं व मध्यान्न भोजन कार्यकर्ताओं को यह देने जा रहे हैं। इनमें से 90 प्रतिशत कार्यकर्ता महिला हैं। विचार यही है कि उन्हें ईएसआईसी व ईपीएफओ का फायदा दिया जाए। वे वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं। उनके पास कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है। वे सरकार की सेवा कर रहे हैं, न कि निजी।
मंत्री ने कहा, मैंने एक समिति गठित की जिसमें महिला व बाल विकास मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, श्रम मंत्रालय व स्वास्थ्य मंत्रालय शामिल है। मुझे आपको बताते हुए खुशी है कि वित्तमंत्री ने इस पर सहमति जताई है। दत्तात्रेय ने यहां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कुछ प्रतिष्ठित महिला हस्तियों के साथ एक संगोष्ठी में भाग लिया। उन्होंने महिला कल्याण के लिए राजग सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को रेखांकित किया और कहा कि केंद्र की राजग सरकार ने देश में महिला कामगारों के फायदे के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। (भाषा)