प्रत्येक भारतीय के सिर पर औसतन 54,000 रुपए के कर्ज का बोझ

शुक्रवार, 23 दिसंबर 2016 (15:11 IST)
नई दिल्ली। द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015-16 में औसतन प्रत्येक भारतीय पर 53,756 रुपए का कर्ज है। साल 2009-10 में यह आंकड़ा 30,171, 2013-14 में 45,319 और 2014-15 में 49,270 रुपए था। इसके अलावा मार्च, 2016 में भारत पर कुल 32.2 लाख करोड़ रुपए के बाहरी कर्ज का बोझ था। विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक भारत पर बाहरी कर्ज का आकार इसकी कुल जीडीपी का आधा है।
विदित हो कि इस भारी भरकम बाहरी कर्ज पर सरकार को प्रतिवर्ष काफी बड़ी राशि ब्याज के तौर पर अदा करनी पड़ती है। वर्ष 2009-10 के दौरान सरकार ने 213,000 करोड़ रुपए की राशि ब्याज में चुकाई। इसी तरह से 2013-14 के दौरान चुकाए गए ब्याज की राशि 374,000 करोड़ रुपए थी। 2014-15 के दौरान यह राशि 402,000 करोड़ रुपए थी और वर्ष 15-16 के दौरान यह राशि 442,000 करोड़ रुपए है।
 
इसी संदर्भ में उल्लेखनीय है कि कुल जीडीपी के प्रतिशत की तुलना में भारत का बाहरी कर्ज का बोझ जीडीपी की केवल 50 फीसदी के करीब है। वहीं विश्व बैंक का कहना है कि अमेरिका का बाहरी कर्ज इसकी जीडीपी के 97 फीसदी के बराबर है और जापान का भार 202 फीसदी है। 

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