चंडीगढ़। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने शनिवार को कहा कि चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (ईवीएम) के गड़बड़ी मुक्त और सुरक्षित होने का राजनीतिक दलों को भरोसा दिलाने के लिए जल्द ही उनकी एक बैठक बुलाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि आयोग का इरादा आने वाले चुनावों में ‘वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपीएटी) का उपयोग कर चुनाव प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता लाने तथा लोगों का भरोसा बढ़ाने का है।
गौरतलब है कि वीवीपीएटी से एक पर्ची निकलती है जिसे देखकर मतदाता यह सत्यापित करता है कि ईवीएम में उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है जिसके नाम के आगे का उसने बटन दबाया है।
जैदी ने यहां कहा, हम जल्द ही एक सर्वदलीय बैठक करेंगे जिसमें उन्हें बताया जाएगा कि हमारी ईवीएम हमारी प्रशासनिक एवं तकनीकी सुरक्षा प्रणाली के मुताबिक किस तरह से छेड़छाड़ से मुक्त और सुरक्षित हैं।
उन्होंने ईवीएम के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के आरोपों के बारे में सवालों का जवाब देते हुए यह कहा। हाल ही में 16 विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग से मतदान पत्र (बैलेट पेपर) व्यवस्था की ओर लौटने का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि ईवीएम में लोगों का विश्वास खत्म हो गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की योजना इस सिलसिले में एक चुनौती का आयोजन करने की है, जिसके समय को लेकर विचार किया जा रहा है। समझा जाता है कि चुनाव आयोग एक खुली चुनौती देकर किसी से भी यह कहने वाला है कि वह ईवीएम के दुरुपयोग के संदेह को दूर करने के लिए उसे हैक करने की कोशिश कर सकते हैं।
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि आयोग ने चुनाव में उपयोग के लिए वीवीपीएटी मशीनों की आपूर्ति के लिए आदेश दिया है। जैदी ने बताया, वीवीपीएटी के लिए हमने सारा धन प्राप्त कर लिया है। हमने दो सार्वजनिक उपक्रमों- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (ईसीआई) को 15 लाख वीवीपीएटी की आपूर्ति को लेकर आर्डर दिया है।
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सितंबर 2018 तक करीब 15 लाख वीवीपीएटी मशीनें तैयार हो जाएंगी। आयोग का लक्ष्य सभी आगामी चुनावों में वीवीपीएटी का उपयोग करने का है। (भाषा)