नई दिल्ली। भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की सूचक बनी उत्कृष्ट भारतीय खोज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर हाल ही में आए चुनावी नतीजों के बाद सवाल उठाए जा रहे हैं। तो क्या अचानक ये मशीनें विफल हो गई? और किसी ने कभी इन्हें हैक किया? सर्वश्रेष्ठ तकनीक और पुख्ता सुरक्षा के साथ बनाई गई ईवीएम को कभी किसी ने हैक नहीं किया। अगर कहीं समस्या है तो वह राजनीतिक मूल्यों में हो रही कमी में है।
ब्राजील, नॉर्वे, जर्मनी, वेनेजुएला, भारत, कनाडा, बेल्जियम, रोमानिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, इटली, आयरलैंड, यूरोपीय संघ और फ्रांस जैसे कुछ देश ही वोटिंग मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन अमेरिका जैसा दुनिया का सबसे पुराना लोकतांत्रिक देश मतपत्र का ही इस्तेमाल कर रहा है।
वही वोटिंग मशीनें विफल हो रही हैं और हैकिंग के लिहाज से संवेदनशील हैं, जो इंटरनेट से जुड़ी हैं। विशिष्ट तौर पर भारतीय वोटिंग मशीनें इंटरनेट से जुड़ी नहीं हैं और इन्हें आधुनिक भारत की सबसे बेहतरीन खोज माना जाता है। उस मामले में हैकिंग आसान हो जाती है, जब मशीनें इंटरनेट से जुड़ी हों और डेटा को इंटरनेट के जरिए भेजा जा रहा हो। (भाषा)