सिन्हा (72) एक भारतीय लोक और शास्त्रीय गायिका हैं, जो बिहार से ताल्लुक रखती थीं। पद्मभूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा को उनके भोजपुरी, मैथिली और मगही लोकगीतों के लिए जाना जाता है। सिन्हा, मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का रक्त कैंसर) के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य जटिलताओं के बाद वेंटिलेटर पर थीं।
एम्स-दिल्ली ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा था कि प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा को इलाज के लिए एम्स, नई दिल्ली में भर्ती कराया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी लगातार उनकी हालत पर नजर बनाए हुए हैं और इलाज करने वाले डॉक्टरों के सीधे संपर्क में हैं। उन्होंने उनके अच्छे स्वास्थ्य और शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है।
'बिहार कोकिला' के नाम से मशहूर थीं शारदाजी : 'बिहार कोकिला' के नाम से मशहूर एवं सुपौल में जन्मीं सिन्हा छठ पूजा एवं विवाह जैसे अवसरों पर गाए जाने वाले लोकगीतों के कारण अपने गृहराज्य और पूर्वी उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों में मशहूर रही हैं। सिन्हा के कुछ लोकप्रिय गीतों में हैं 'छठी मैया आई ना दुआरिया', 'कार्तिक मास इजोरिया', 'द्वार छेकाई', 'पटना से' और 'कोयल बिन'। सिन्हा ने इसके अलावा बॉलीवुड की फिल्मों में भी गाना गया है। इनमें 'गैंग्स ऑफ वासेपुर- टू' के 'तार बिजली', हम आपके हैं कौन' के 'बाबुल' और 'मैंने प्यार किया' के 'कहे तो से सजना' जैसे गाने शामिल हैं।(भाषा)